Book Title: Panchsangraha Part 08
Author(s): Chandrashi Mahattar, Devkumar Jain Shastri
Publisher: Raghunath Jain Shodh Sansthan Jodhpur
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( २७ ) गाथा ६६
६७-६ मति-श्रु त ज्ञानावरण, चक्ष-अचक्षु दर्शनावरण, अवधिद्विकावरण और मनपर्यायज्ञानावरण
का जघन्य अनुभागोदोरणा स्वामित्व गाथा ७२
१६-१०० अंतरायपंचक, केवलावरणद्विक, संज्वलन कषाय, नवनोकषाय, निद्राद्विक का जघन्य अनुभागोदीरणा
स्वामित्व गाथा ७१
१००--१०१ स्त्यानद्धित्रिक, वेदक सम्यक्त्व का जघन्य
अनुभागोदीरणा स्वामित्व गाथा ७२
मिथ्यात्व, अनन्तानुबंधिचतुष्क, आदि की बारह कषाय, मिश्रमोहनीय, आयुचतुष्क का जघन्य
अनुभागोदी रणा स्वामित्व गाथा ७३
पुद्गलविपाकी प्रकृतियों का जघन्य अनुभागो
दीरणा स्वामित्व गाथा ७४
१०४–१०५ औदारिक एवं वैक्रिय अंगोपांग का जघन्य
अनुभागोदीरणा का स्वामित्व गाथा ७५
१०५-१०६ ध्र वोदया शुभ बीस प्रकृतियों और आहारक सप्तक
का जघन्य अनुभागोदीरणा स्वामित्व गाथा ७६
१०६-१०७ आदि संहननपंचक और आदि संस्थानपंचक का जघन्य अनुभागोदीरणा स्वामित्व
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