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ఎంత ఎంతుంటుందంజుండు ప్రాంతం ఎంఎంఎంఎంజు పోటు ఎంఎంఎం ఎడపాలు ఎలా వాడు వారి పాటు పలు
श्रीमान लक्ष्मीचन्दजी तालेड़ा, जयपुर आप ब्यावर के प्रसिद्ध श्रावक श्री स्वरूपचन्द जी तालेड़ा के सुपुत्र हैं। आप अनेक धार्मिक तथा सामाजिक संस्थाओं में सक्रिय सहयोग करते रहते हैं। साधु संतों की सेवा भी तन-मन-धन से करते रहते हैं। स्वर्गीय जैन दिवाकर श्री चौथमल जी महाराज के प्रति आपके परिवार की अनन्य आस्था रही है। वर्तमान में आपका जयपुर में "ओसवाल केबल्स (प्रा. लि.), जयपुर" के नाम से औद्योगिक प्रतिष्ठान है।
स्व. श्री प्रेमचन्द जी पोमा जी,
साकरिया (सांडेराव) आप सांडेराव के प्रमुख श्रावक श्री पोमा जी दलीचन्द जी के सुपुत्र थे। श्री पोमा जी तपस्वी गुरुदेव श्री वख्तावरमल जी म. के अनन्य भक्त थे। आपका भी जीवन बहुत धर्म मय सादगीपूर्ण था। आप सरल हृदय के श्रद्धाशील श्रावक थे। आगम अनुयोग ट्रस्ट के आप सक्रिय सहयोगी थे।
स्व. श्री मांगीलाल जी सा. चौरड़िया,
मदनगंज आपकी धर्म के प्रति विशेष श्रद्धा थी। आप ९० वर्ष की उम्र में भी सभी कार्य अपने हाथ से करते थे। आपके सुपुत्र श्री नेमीचन्दजी व गुमानमलजी भी बहुत ही उत्साही, समाजसेवी कार्यकर्ता है। श्री नेमीचन्द जी महावीर कल्याण केन्द्र, मदनगंज के ट्रस्टी हैं आपने उनकी स्मृति में 3१,०००/- रु. का योगदान दिया है। व आपकी धर्मपत्नी ने मास खमण तप भी किया है। आपकी पूज्य गुरुदेव के प्रति विशेष श्रद्धाभक्ति है। श्री चम्पालाल जी, उत्तमचन्द जी आदि पूरे परिवार का ही ट्रस्ट में योगदान रहा है।
एक बहुआयामी प्रतिभा स्व. श्री ताराचन्दजी सा. कक्कड़, सरवाड़, जिला अजमेर (राज.) प्रियधर्मी सरलमना स्व. श्री शार्दूलसिंह जी सा. कक्कड़ के सुपुत्र स्व. श्री "कक्कड़ सा." दृढ़धर्मी श्रद्धालु सुश्रावक थे। अपनी कुशाग्र बुद्धि, स्वाभिमानता एवं दूरदर्शिता में अनेक वर्षों तक श्रावक संघ के मंत्री के रूप में सामाजिक धार्मिक सेवा के साथ नगरपालिका का वाइस चेयरमेन का पद सुशोभित कर राजनैतिक क्षेत्र में कदम रखकर नगर की सेवा की। साधु-संतों के प्रति भी आपकी अगाध श्रद्धा भक्ति थी। जीवदया के कार्यों यथा अमरबकराशाला कबूतर भवन आदि में आपकी विशेष रुचि थी। आपकी धर्मपत्नी श्रीमती चन्द्रप्रभा बहन एवं सुपुत्र भंवरलाल जी ज्ञानचंदजी उत्तमचंदजी सुरेन्द्रकुमारजी नरेन्द्रकुमारजी वीरेन्द्रकुमारजी आदि पूरा परिवार उपाध्याय प्रवर के प्रति अनन्य श्रद्धा भक्ति रखता है एवं समाजसेवा तथा धार्मिक प्रवृत्ति में अग्रणी है। स्व. श्री कक्कड़ सा. गुरुदेव श्री के तरुण अवस्था के साथी थे। आप ट्रस्ट के सक्रिय सहयोगी बने।
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