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स्व. श्री मुन्नीलाल जी गुलेछा, जोधपुर
आप बहुत ही धर्म श्रद्धालु उवारी त्यानी पुरुष थे। छोटी उम्र से ही रात्रि भोजन आदि अनेक प्रकार के प्रत्याख्यान कर लिये । आपकी ज्ञान में विशेष रुचि थी। आप अनेक वर्षों तक श्री व स्था. जैन श्रावक संघ, जोधपुर के अध्यक्ष रहे। आपकी धर्मपत्नी श्रीमती फूलकंबर व चारों सुपुत्र व दो पुत्रियाँ भी बहुत धर्म चालु हैं।
स्व. श्री लूमचन्द जी सांड, जोधपुर
आपके व्यापारिक प्रतिष्ठान "हमचन्द्र तिलोकचन्ह" कटला बाजार, जोधपुर का केश ही तेल, सुगन्ध, इत्र, सेंट इत्यादि का होलसेल व्यापार में अग्रणी स्थान है। आप बहुत धार्मिक प्रवृत्ति के सरल स्वभावी उदार हृदय श्रावक थे आप स्व. पूज्य स्वामी जी श्री हजारीमल जी म. सा. एवं युवाचार्य पूज्य श्री मिश्रीमल जी म. सा. 'मधुकर' के अनन्य भक्त थे। आपके तीन सुपुत्र सर्वश्री गौतमचन्द जी, बजेचन्द जी धनराज जी सांड अपने पैतृक व्यवसाय में संलग्न हैं। आप आगम अनुयोग ट्रस्ट के सहयोगी हैं।
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स्व. श्री पृथ्वीराज जी बम्ब, आप बहुत ही धार्मिक श्रद्धा वाले सुश्रावक थे। पूज्य गुरुदेव ने और आपने बचपन में साथ-साथ अध्ययन किया।
स्व. श्री दौलतराज जी पारख, जोधपुर
आप बहुत उदार दानवीर सुधावक थे। स्व. युवाचार्य श्री मधुकर जी महाराज के अनन्य भक्त थे । आपका अगरचंद फतेहचन्द नाम से जोधपुर में कपड़े का व्यवसाय है। आप व्यापारिक क्षेत्र में भी अक्षणीय थे व सामाजिक-धार्मिक क्षेत्र में भी आपका विषेष
आपके सुपुत्र श्री तेजराज जी व शान्तिलाल जी एवं सुपुत्रियाँ व वामाद श्री पूनमचंद जी जड़ (करकेड़ी), श्री सुरेशकुमार जी लुणावत, तिलोरा वाले भी पूज्य गुरुदेव के प्रति अनन्य श्रद्धा-भक्ति रखते हैं व धर्म-श्रद्धालु हैं। श्री शान्तिलाल जी ने पूज्य पिताजी की स्मृति में आम अनुयोग ट्रस्ट को विशेष बोजवान दिया है।
दान रहा है। वर्तमान में आपके भाई छोटमल जी एवं सुपुत्र मोहनलाल जी आदि भी रामाज के अग्रणी कार्यकर्त्ता हैं। आपकी स्मृति में महावीर भवन में बहुत बड़े हॉल के निर्माण में भी विशेष योगदान दिया गया।