________________ (8) 5 251) रु. साधारण खाते में देकर उपाश्रय के पास एक बरामदा करवा दिया। इस प्रकार उपर्युक्त रकम की व्यवस्था कर दी। इस के उपरान्त भोपाल के मंदिर में 700) रु. की लागत का चांदी का कल्पवृक्ष, बंदरवाल, आदि अर्पण किये। तथा मंदिर की वर्षगांठ के दिन पूजा-आंगी के निमित्त 301) रु. भंडार में जमा कराये / इसी प्रकार 301) रुपये महावीर जयन्ति के दिन प्रतिवर्ष पूजा-आंगी होती रहे, इस के लिये दिये / इस प्रकार आपने अपने जीवन में छोटे बडे अनेकों शुभ कार्य किये, जिन सब का उल्लेख, इस संक्षिप्त जीवन परिचय में, कराना अशक्य सा है। सेठ गोडीदासनी, यद्यपि धार्मिकतासे ओतप्रोत थे, तथापि आप जाहिर जीवन में भी कुछ कमभाग जाहिरजीवन / नहीं लेते थे। बिरादरी के बालकों को प्रतिदिन पढ़ाना, संघ के कार्यों में तनमन-धनसे अग्रगण्य रहना, नात-जात के कार्यों में एक सुयोग्य नेता के कार्य को करना, इतना ही नहीं, परन्तु आप की धार्मिकता, न्यायशीलता एवं प्रामाणिकता के कारण भोपाल की समस्त आम जनता में इतने प्रतिष्ठित माने जाते थे कि-किसी मी सम्प्रदाय किंवा धर्मवाले आप की सलाह लिया करते थे,