Book Title: Yatindrasuri Diksha Shatabdi Samrak Granth
Author(s): Jinprabhvijay
Publisher: Saudharmbruhat Tapagacchiya Shwetambar Shree Sangh
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• यतीन्द्रसूरी स्मारक ग्रन्थ : व्यक्तित्व - कृतित्व - Hश्री अमिधानराजेन्द्रकोश को देखकर कोई भी विद्वान् उसकी सम्पादन-शैली, छपाई, सुन्दरता और आकर्षण की मुक्त कंठ से प्रशंसा किए बिना नहीं रह सकता। यहाँ यह उल्लख करना प्रासंगिक ही होगा कि वर्तमान में छप रहे उत्तम ग्रंथों में भी छापे की भूलें देखने को मिलती हैं किन्तु अमिधानराजेन्द्र कोश में इस प्रकार की कोई त्रुटि नहीं पाई जाती है। यह सम्पादक की विशिष्ट योग्यता को दिग्दर्शित करता है। पर कैसा भी बहुमूल्य एवं सुन्दर क्यों न हो, उसकी सच्ची कीमत और उपयोगिता तो कुशल कारीगर के चातुर्यपूर्ण व्यवहार एवं श्रम पर ही अवलम्बित है। ठीक इसी प्रकार अमिधान राजेन्द्र कोश का संकलन स्वर्गीय गुरुदेव श्रीमद्विजयराजेन्द्रसूरीश्वर सा. के प्रखर पाण्डित्य अनंत उत्साह तथा अथक परिश्रम का परिणाम तो है ही, साथ ही मुनिराज श्रीयतीन्द्र विजयजी म. की तत्परतापूर्ण कुशलता तथा योग्यतापूर्ण सम्पादन पर भी निर्भर है। उन्होंने जिस समर्पण भाव से इस कोश को मुद्रित करवाकर उपलब्ध करवाया वह सराहनीय है। अमिधान राजेन्द्र कोश के माध्यम से आप की अद्वितीय सम्पादन-कला का परिचय मिलता है। अतः यह निर्विवाद रूप से प्रतिपादित किया जा सकता है कि गुरुदेव श्रीमद् विजय राजेन्द्र सूरीश्वरजी म. ने जिस कठोर अध्यवसाय से निरंतर चौदह-पंद्रह वर्षों में अमिधान राजेन्द्र कोश की रचना की उसी के अनुरूप परिश्रम कर श्रीमद् विजय यतीन्द्र सूरीश्वरजी म. ने उसे प्रकाशित करवाकर अपने गुरुदेव की भावना को मूर्तरूप प्रदान किया।
शिफाशाकिनीमारीयालय पर पाक
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