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क्र०
विषय ३९. दीक्षा के समय ग्रहण करने योग्य उपधि ४०. प्रथम समवसरण में वस्त्र ग्रहण निषेध एवं द्वितीय में विधान ४१. दीक्षा पर्याय के ज्येष्ठत्व के अनुक्रम से वस्त्र लेने का विधान ४२. शय्या-संस्तारक-ग्रहण का विधान ४३. कृतिकर्म का विधान . . ४४. गृहस्थ के घर में ठहरने का विधि-निषेध ४५. गृहस्थ के यहाँ मर्यादित वार्ता का विधान ४६. गृहस्थ के यहाँ मर्यादित धर्मकथा का विधान ४७. प्रातिहारिक शय्या-संस्तारक को व्यवस्थित लौटाने का विधान . ४८. शय्या-संस्तारक खो जाने पर अन्वेषण का विधान ४९ पूर्वाज्ञा का विधान . ५०. स्वामी रहित आवास में आज्ञा का विधान ५१. मार्ग आदि में पर्वाजा का विधान ५२. सेना के समीपवर्ती क्षेत्र में गोचरी जाने एवं प्रवास का विधान ५३. अवग्रह क्षेत्र का विधान - चउत्थो उद्देसओ - चतुर्थ उद्देशक ५४. अनुद्घातिक प्रायश्चित्त के हेतु ५५. पाराञ्चिक प्रायश्चित्त के हेतु ५६. अनवस्थाप्य प्रायश्चित्त के स्थान ५७. दीक्षार्थ अयोग्य त्रिविध नपुंसक ५८. वाचना के लिए योग्य एवं अयोग्य ५९.. शिक्षार्थ योग्य-अयोग्य ६०. ग्लान में उद्भूत मैथुन भाव का प्रायश्चित्त ६१. प्रथम प्रहर में गृहीत आहार को चतुर्थ प्रहर में रखने का निषेध ६२. दो कोस से आगे आहार ले जाने का निषेध ६३. गृहीत अनेषणीय आहार का उपयोग या परिष्ठापन विधान ४४. औद्देशिक आहार की कल्पनीयता-अकल्पनीयता ६५., श्रुतग्रहण हेतु अन्य गण में जाने का विधि-निषेध
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