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* प्राकृत व्याकरण
[४१६ ] .0000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000.
(अथवा चिपिाजाही) - उससे इकट्ठा किया जायगा । अन्य ऐसे ही उदाहरणों के संबंध में वृत्ति में 'इत्यादि' शब्द से यह भलामणा दी गई है की बाकि के उदाहरणों को रषयम् ही सोच लें ॥४-२४२ ॥
म्मश्चः ॥४-२४३ ॥ चगः कर्मणि भावे च अन्ते संयुक्तो भो वा भवति ॥ तत्संनियोगे क्यस्य च लुक् ॥ चिम्मइ । चिच्चइ । चिणिज्जइ : भविष्यति । चिम्मिहिइ । चिन्विहिइ । चिणिज्जिहि ॥
___ अर्थ:-'इकट्ठा करना' अर्थक धातु 'चि' के कर्मणिभावे प्रयोग में काल-बोधक प्रत्यय जोड़ने कं पूर्व विकरूप से संयुक्त अर्थात्त द्वित्य 'म्म' की भागम-शान्ति विकल्प से होती है और ऐसा होने पर कणि भावे-प्रयोग-बोधक प्रत्यय 'व' अथवा 'ई' अथवा 'इज्ज' का लोप हो जाता है। यों 'चि' धातु में 'म्म, च्व, ईश्न, इज्ज' इन चारों प्रत्ययों में से किसी भी एक का प्रयोग कमणि-मावे अर्थ में किया जा सकता है। परन्तु यह ध्यान में रहे कि 'म्म अथवा व्व' प्रत्यय का सद् भाव होने पर सूत्र-संख्या ४-२४१ से प्राप्त होने वाले णकार' व्यञ्जनाक्षर को प्राप्ति नहीं होगी । ऐसा बोध वृत्ति में दिये गये 'च' अवय से जानना (उदाहरण इस प्रकार है:-धीयते-चिम्मइ, चिवड, चिणिज्जइ अथवा चिणीअइ- उस से इकट्ठा किया जाता है । भविष्यत काल संबंधी उदाहरण इस प्रकार है:-चीयिष्यते चिम्मिाहा, विविदिइ, चिणिनिहिड़, (अथवा चिणीमहिंइ) = उससे इकट्ठा किया जायगा । बाकी के उदाहरण खुद ही जान लेना ॥ ४-२४३ ।।
हन्खनोन्त्यस्य ॥ ४-२४४ ॥ अनयोः कर्म भावे न्त्यस्य द्विरुक्तो मो वा भवति ॥ तत्संनियोगे क्यस्य च लुक् ॥ हम्मइ, हणिज्जइ । खम्मइ, खुणिज्नइ । भविष्यति । हम्मिहिइ, हणिहिइ । खम्मिहिइ । खणिहिइ ।। बहुलाधिकारात् हन्तः कर्तर्यपि ।। हम्मइ । हन्तीत्यर्थः ।। क्वचिन्न भवति ।। हन्तव्यं । हन्तूण | इश्रो॥
अर्थ:-संस्कृत धातु "हन और खन्" के प्राक्त-रूपान्तर में कर्मणि-भावे प्रयोग में अन्त्य हलन्त "नकार'' व्यजनाक्षर के स्थान पर द्विरुक्त अर्थात वित्व "म्म" को विकल्पसे आदेश प्राप्ति होती है
और इस प्रकार द्वित्व "म" की आदेश प्राप्ति होने पर कर्मणि-भावे बोध प्राकृत प्रत्यय "ईन और इज" का लोप हो जाता है। जहाँ पर द्विस्व "म" की प्राप्ति नहीं होगी वर्षों पर कर्मणि-भाषे-बोधक
प्रत्यय "श्र अथवा इन्न' का सदभाव रहेगा। जैसे:-हन्यते-हम्मड अथवा हणिज्जह =ष! • जाता है । खन्यते = रखम्मड अथवा खणिनाइ छह खोदा जाता है । भविष्यत्-कालीन उदाहरण यों हैं: हनिष्यते- हम्मिहित-घह मारा मायगा | हनिष्यति । हनिष्यते-हणिहिइ-वह मारेगा