Book Title: Prakrit Vyakaranam Part 2
Author(s): Hemchandracharya, Ratanlal Sanghvi
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 612
________________ [ ६ ] कथं कृद (कुलम् ) किया हुआ, ३-१६, २३, २४, २७, २९ | काला अ. (कदा ) किस समय में, व. ३०, ५१, ५५, ५६, ७०, ७७, १०९, ११०, ११८ काला वि. स्त्री (काला) श्याम वर्ण करने वाली, ३-३२ ॥ ११९, १२४, १२९ । कथकज्जो वि.पु. ( कृतकार्यः) जिसने कार्य संपूर्ण कर लिया काली वि. (काली) श्याम वर्ण वाली, ३-३२ । कालेयां पु. ( कालेन काल से, समय से, ३-१३७ । कासवा, कासव 9. (हे काश्यप) हे नापित, हे हजाम ३-३८ । हो ऐसा व्यक्ति, ३-७३ । कपणामी वि. (कृत-प्रणामः) नमस्कार किया हुआ, ३-१०५ । T कर - क्रिया. (कृ) करना करेमि सक. (करोमि ) मैं करता हूँ, ३-१०५ । फरसे सक, (करोषि ) तू करता है, ३-१४५ करए सक. (करोति वह करता है, ३-१४५ । काहं सक- ( करिष्यामि) मैं करूंगा, ३-१७० । काद्दिमि सक. ( करिष्यामि मैं करूंगा, २-१७० । काहिइ सक. करिष्यति) वह करेगा, ३-१६६ fear सर्व (कस्याः) किस (स्त्रि. ) का, ३-६४ | काही सक. (करिष्यति से करिष्यामः, वह करेगा से ] कीच, कीमा, कीर, कीए. सर्व. ( कस्याः ) किस (स्त्री.) प्रारंभ करके हम करेंगे, -१६२ । का, ३-६४ । कासी. सक. (कारण्यांते से करिष्यामः) वह करेगा से कोस सर्व . ( कस्य ) किसका, ३-६८ । ६-६५ । वाली, तिरस्कार का सक. ( करिष्यामि) में करूंगा. ३ ९७० । काहि सक. ( करिष्यति ) वह करेगा, ३-११६ । का अ. (ar) किस समय में, ३-६५ । किणी सर्व (कस्मात् ) किससे, ३-६८ । कित्तस्सं, कितहिमि क्रिया. ( कीर्तयिष्यामि) में स्तुति करूंगा, ३-१६९ । प्रारभ करके हम करेंगे, १६२ । कुच्छीए स्त्री. (कुक्ष्याः) कॉख से, पेट से, ३-४६ ॥ काही सक. (करिष्यति से करिष्यामः वह करेगा से कुन्ति सवं । कुर्वन्ति । वे करते हैं, ३ १३० प्रारंभ करके हम करेंगे, :- १६२ । कारे प्रेर. ( कारयति) व कराता है, ३-१४९, १५३ करव, कर], प्रेर (कारयति) वह कराता है, ३-१४९ । काराचेइ र कार+) वह कराता है. ३-१५३॥ कारावी, कराविज्जइ. का रिज्जइ र कर्मणि उससे कराया जाता है. ३.१५२, १५३ । काऊ. कृद. (कृत्या करके, : १५७ । कय वि. (कृत ) किया हुआ, ३-७३, १०५ १ कथा वि. (ऋता) की हुई, ३७ । कारि वि. कान्तिम् ) कराया हुआ, ३.१५२५० कराविश्यं वि. ( कारितम् ) कराया हुआ, ३-१५२, १५३ किया. षि अलं के साथ) | अलंकिन = अलंकृता) सुशोभित की हुई, ३-१३५ । करयल पु. ( करतल) हाथ, हथेली ३-७० । करिणी स्त्री. ( करिणी) हस्तिनी, हथिनी, ३-३२ । eo, कव्यं न. ( काव्यम्) कविता, काव्य, ३-१४२ । कह अ. (कथम्) कैसे, किस तरह, ३-५६ | कहिं अ. ( कुत्र) को पर, ३-६०, ६५ । कुमारी स्त्री. (कुमारी) अविवाहिता लड़की ३-३२ । कुरुचरा, कुरुचरो. वि. (कुधचरों) कुछदेश की रहने वाली ३-३१ । कु.लं न. ( कुलम् ) वंश, जाति, ३-८० 1 कुाि. fr. ( कुपिता) क्रुद्ध स्त्री. ३-१०५ ॥ केस मागे पु. केशभार: ) केसों का भार ३-१३४ । को सवं. (क) कौन, ३-७९ ॥ का, सर्व. (का) कौन (स्त्री.), ३-३३ । किं सर्व. (किम् ) क्या, ३-८०, १८५ ॥ के सर्व. : के) कौन ( बहु वचन पृ ) ३-५८, ७१, १४७ काम सर्व (कस्मात् ) किससे ३-६६ । काल, कीड सवं. ( कस्याः) किस (स्त्री) का ३-३३ । कं सर्व. (कम् ) किसको, ३-३३-७१ ॥ के पु. ( केन) किसके द्वारा; ३ ६९, ७१ । किरण पु. ( केन) किसके द्वारा; ३०६९ । कर सर्व. (कस्य अथवा कस्मै ) किसका किस के लिये; ३-१३ । कास स्त्री. (कस्याः अथवा कस्यै ) किसकी, किसके लिये; ३-६३ । २

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