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* प्रियोदय हिन्दी व्याख्या सहित *
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गुणहि न संपइ कित्ति पर फल लिहिया भुञ्जन्ति ।।
केसरि न लहइ बोडिन, वि गय लक्खेहि घेप्पन्ति ॥१॥ अर्थः-अपभ्रंश भाषा में प्रकारान्त शब्दों में तृतीया बहुवचन बोधक प्रत्यय 'मिसह हि हि' के परे रहने पर उन चक्कारान्त शब्दों में अन्त्य वर्ण 'अ' कार के स्थान पर बिकल्प से 'ए' कार की प्राप्ति होती है। जैसाकि गाथा में आये हुए पद 'लक्खेहि' से जाना जा सकता है। द्वितीय पर 'गुण' में अन्त्य प्रकार को 'रकार' को प्राप्ति नहीं हुई है। यों दोनों प्रकार की स्थिति की जान लेना चाहिये । उक्त गाथा का संस्कृत और हिन्दी अनुवाद क्रम से इस प्रकार है:संस्कृतः-गुणः न संपत, कीर्तिः परं फलानि लिखितानि भुजन्ति ।
केसरी कपर्दिकामपि न लभते, गजाः लक्षैः गृह्यन्ते ॥ हिन्दो:-गुणों से केवल कीर्ति मिलती है, न कि धन-संपत्ति । मनुष्य उन्हीं फलों को भोगते हैं, जो कि भाग्य द्वारा लिखे हुए इंते है । केशरीसिंह गुण-सम्पन्न होते हुए भी उसको कोई भी एक कोड़ी से भो खरीदने को तैयार नहीं होता है। जबकि हाथियों को लाख रुपये देकर भी लोग खरीद लिया करते
ङसे हैं-हू ॥ ४-३३६ ॥ अस्येति पञ्चम्यन्त विपरिणम्यते । अपभ्रंशे अकारात् परस्य इसे हे-हू इत्यादेशौ भवतः ।।
वच्छहे गृहइ फलइँ, जणु कडु-पल्लब रज्जेई ॥ तो वि महद् म सुश्रणु जिग ते उच्छंगि घरेइ ॥ १ ॥ वच्छ हु गृहइ ॥
अर्थ:-प्राकृत-भाषा में जेसे पचमी विक्ति के एकवचन में 'चो, जाओ, पाल, पाहि पाहिन्तो और 'लुक' प्रत्यय होते हैं। वैसे प्रत्यय अपभ्रश भाषा में अकारान्त शब्दों के लिये उक्त विभक्ति में नहीं हुआ करते है। इसी अर्थ को व्यक्त करने के लिये ग्रंथकार ने वृत्ति में विपारणम्यते पदका निर्माण किया है। अपभ्रंश भाषा में प्रकारान्त शब्दों में पचमी विभक्ति के एकवचन में प्राप्तव्य प्रत्यय 'स' के स्थान पर हे और हूं' ऐसे वो प्रत्ययों की श्रादेश-प्राप्ति होती है। जैसा कि गाथा में 'वच्छहे' पद से ज्ञात होता है। तदनुसार 'वृक्षात्' पद का अनुवाद अपभ्रंश भाषा में 'वच्छ और वच्छहू' दोनों होगा । इप्तालिये 'वच्छ गृहइ' पदों का समावेश गाया के बाद भी कर दिया गया है। यहाँ पर 'वच्छहु' पद में 'हू' प्रत्यय को ह्रस्व लिखने का कारण यह है कि आगे पद 'गृहइ' में प्रादि अक्षर संयुक्त होता हुधा 'हू' के
आगे आया हुआ है, इसलिये सूत्र-संख्या १४ से 'हू के वीर्घ स्वर 'अ' को ह्रस्व स्वर 'उ' को प्राप्ति हुई है। गाथा का संस्कृत तथा हिन्दी अनुवाद क्रम से इस प्रकार हैं: