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* प्रियोदय हिन्दी व्याख्या सहित *
[ ५६३ ] ••••••••ee9e02ee9++++ +++++++++++++++++++++++++ + शरार से मम्बन्धित पाँचों इन्द्रियों पर भी घटाया जा सकता है।। इस गाथा में 'पृथक्-पृथक' अव्यय के स्थान पर अपभ्रश भाषा की दृष्टि से 'जुनं जुन' अन्यय का प्रस्थापना की गई है ।।१२।। (१५) संस्कृत:-यः पुनः मनस्येव व्याकुलीभूतः चिन्तयति ददाति न द्रम्मं न रूपकम् ।।
रति वश भ्रमण शील! कराग्रोलालितं गृहे एव कुन्तं गणयति स मृहः । १३॥ हिन्दी:-वह महा मूर्ख है, जो कि मन में हो घबराता हुआ मोचना रस्ता है और न दमदी देता है, और न रुपया हो । दूसरे प्रकार का महा मूर्ख वह है जो कि पग अश्रग मोह के वश में होकर घूमता रहता है और घर में हो माले को लेकर हाथ के अग्र भाग में ही घूमाना हा केवल गणना करता रहता है (कि मैंने इतनी वार भाला चलाया है गौर इसलिये मैं वोर हूँ तथा कंजूस मोचता है कि मैं इतना. इतना दन कर दूं परन्तु करता कुछ भी नहीं है ) इम विशिष्ट गाथा में 'मूढ' शब्द के स्थान पर अपभ्रश भाषा में 'नालि प्र- नालिउ' शब्द का प्रयोग किया गया है।
संभ विनानैः सनित बाद पूर्व ! = शिवहिं विद्वत्तउं खादि वद्ध ! हे मूर्ख ! प्रति दिन कमाये हुए ( खाद्य-पदार्थो' ) को रखा । ( कंजूमी मत कर ) । इस चरण में 'मूर्ख' शब्द वाचक द्वितीय शब्द 'वढ' का अनुयोग है।
संरत (१६) नवा कापि विष-प्रन्थिः = नवखी क वि विसगरिठ( यह नायिका ) कुछ नई हो (अनोखी ही ) विषमय गांठ है : इस गाथा-पाद में नूतनता वाचक पद " नवा " के स्थान पर अपभ्रंश भाषा में "नवस्त्री " पद का व्यवहार किया गया है। पुलिंजग में “ नवन" होता है और श्रीलिंग में " नवखी" लिखा है। संस्कृत (१७)- चलाभ्यां बलमानाभ्यां लोचनाम्या ये स्वया दृष्टाः वाले ।
तेषु मकर-ध्वजावस्कन्दः पतति अपूर्णे काले ॥१४॥ हिन्यो:-श्रो यौवन संपन्न मद मान। बालिका ! तेरे द्वारा चंचल और फिरते हुए ( बल खाते हए ) दोनों नेत्रों से जो । पुरुष ) देखे गये है; उन पर उनको ) यौवन-अवस्था नहीं प्राप्त होने पर भी (यौवन-काल नही पकने पर भी। । काम का वेग (काम-भावना) हठात् शीघ्र ही ( बल-पूर्वक) प्राक्रपाण करता है । यहाँ पर " शोधता-वाचक - हठात्-वाचक " संस्कृत-शरद " अवस्कन्द " के स्थान पर आदेश प्राप्र शब्द " दडवड" का प्रयुक्त किया गया है।
संस्कृत(१८):-यदि अर्घति व्यवसायः = छुडु अग्षा बवसाउ =
यदि व्यौपार सफल हो जाता है। इस गाथा-चरण में “ यदि" अव्यय के स्थान पर " छुडु' अध्यय को स्थान दिया गया है।