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प्राकृतव्याकरणे
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तुम्हे और तुज्झे ( ऐसे रूप ) होते हैं। और इसी तरह ये ( कुल ) आठ रूप होते हैं।
तं तुं तुमं तुवं तुह तुमे तुए अमा ॥ ९२ ॥ युष्मदोमा सह एते सप्तादेशा भवन्ति । तं तुं तुमं तुवं तुह तुमे तुए 'वन्दामि।
__ अम् ( प्रत्यय ) के सह युष्मद् ( सर्वनाम ) को तं, तुं, तुम, तुवं, तुह, तुमे, तुए ( ऐसे ये ) सात आदेश होते हैं । उदा.---तं... .."वन्दामि ।।
वो तुज्झ तुम्भे तुम्हे उय्हे मे शसा ।। ९३ ॥ युष्मदः शसा सह एते षडादेशा भवन्ति । वो। तुज्झ । तुब्भे । ब्भो म्हज्झौ वेति वचनात् तुम्हे तुज्झे । तुम्हे उय्हे भे पेच्छामि ।
शस् ( प्रत्यय ) के सह युष्मद् ( सर्वनाम ) को वो, तुज्झ, तुम्भे, तुम्हे, उरहे, और भे ( ऐसे ) ये छः आदेश होते हैं। उदा०-चो... "तुम्भे; 'भो म्ह ज्झो वा' इस वचनानुसार, तुम्हे, तुज्झे; तुम्हे"""पेच्छामि ।
दे दि दे ते तइ तए तुमं तुमइ तुमए तुमे तुमाइ टा ॥ ९४ ॥
युष्मदष्टा इत्यनेन सह एते एकादशादेशा भवन्ति । भे दि दे ते तइ तए तुमं तुमइ तुमए तुमे तुमाइ 'जम्पिअं। __टा (प्रत्यय) के सह युष्मद् ( सर्वनाम ) को भे, दि, दे, ते, तप, तए, तुम, तुमइ, तुमए, तुमे, और तुमाइ ( ऐसे ) ये ग्यारह आदेश होते हैं। उदा.-भे दि ... .."जंपियं।
मे तुब्मेहिं उज्झेहिं उम्हेहिं तुम्हेहिं उय्हे हिं भिसा ॥९॥ युष्मदो भिसा सह एते षडादेशा भवन्ति । भे। तुन्भेहिं । भोम्हज्झौ वेति वचनात् तुम्हेहिं तुज्झेहिं । उज्झेहिं उम्हेहिं तुम्हेहि उव्हेहिं भुत्त' । एवं चाष्टरूप्यम् ।
भिस् (प्रत्यय ) के सह युष्मद् सर्वनाम को मे, तुभेहि, उज्झेहि, उम्हेहि, तुम्हेहिं, और उव्हेहिं ( ऐसे ) ये छः आदेश होते हैं। उदा०-भे, तुब्भेडिं; 'भो म्हसो वा' इस वचनानुसार तुम्हेहि, तुम्झेहिं; उज्झेहिं ... .."भुत्तं । एवं (कुल) मारु रूप होते हैं। १.Vबन्दु । २. जल्पित ।
३. भक्त ।
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