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चतुर्थः पादः
क्षर् धातु को खिर, झर, पज्झर, पच्चड, णिच्चल और णिटुअ ये छः मादेश होते हैं । उदा० --खिरइ... .."णिटुअइ ।
उच्छल उत्थल्लः ॥ १७४ ॥ उच्छलतेरुत्थल्ल इत्यादेशो भवति । उत्थल्लइ । उच्छमति (उच्छल् ) धातु को उत्थल्ल आदेश होता है। उदा.
उत्पल्ला
।
विगलेस्थिप्प-णिटुहौ ॥ १७ ॥ विगलतेरेतावादेशौ वा भवतः । थिप्पइ । णिटुहइ । विगलइ।
विगलति ( विगल ) धात को विष्प और णिटुह ये आदेश विकल्प से होते हैं। उदा.-पिप्पा, णि टुहइ । ( विकल्प-पक्ष में ) :-विगलइ ।
दलिवल्योर्विसट्ट-वम्फौ ॥ १७६ ॥ दलेर्वलेश्च यथासंख्यं विसट्ट वम्फ इत्यादेशौ वा भवतः । विसट्टइ। वम्फइ पक्षे दलइ । वलइ। ___ दल और वल् इन धातुओं को अनुक्रम से विसट्ट और वम्फ ऐसे आदेश विकल्प से होते हैं । उदा०-विसट्टइ, वम्फइ । ( विकल्प- ) पक्ष में :-दलइ, बलइ ।
भ्रंशेः फिट्ट-फिट्ट-फुड-फुट्ट-चुक्क-मुल्लाः ॥ १७७॥ भ्रंशेरेते षडादेशा वा भवन्ति । फिडइ । फिट्टइ । फुडइ। फुट्टइ। चुक्कइ। भुल्लइ । पक्षे । मंसइ।
भ्रंश् घात को फिड, फिट्ट, फुड, फुट्ट, चुक्क और मुल्ल ऐसे ये छः आदेश विकल्प से होते हैं। उदा-फिड इ... .."भुल्लइ । (विकल्प-) पक्ष में :मंसद।
नशेणिरणास-णिवहावसेह-पडिसा-मेहावहराः ॥१७८॥ नशेरेते षडादेशा वा भवन्ति । णिरणासइ। णिवहइ। अवसेहइ । पडिसाइ । सेहइ । अवहरइ । पक्षे । नस्सइ।
__ नश् धातुको णिरणास, णिवह, अबसेह, पडिमा, सेह और अबहर ये छः आदेश विकल्प होते हैं। उदा०-णिरणासइ ."अवहरइ (विकल्प-) पक्ष में:-नस्सइ ।
___अवात्काशो वासः ॥ १७९ ॥ अवात् परस्य काशो वास इत्यादेशो भवति । ओवासइ ।
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