Book Title: Prakrit Vyakarana
Author(s): Hemchandracharya, K V Apte
Publisher: Chaukhamba Vidyabhavan

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Page 443
________________ अ० व० ३० उदा० ए० व० क० भू० धा० वि० तृ० वृ ० पु० द्वि० द्वि० पु० नपुं० पं० पू० का० धा० अ० प्र० प्र० पु० ब० य० व० का० धा० वि० व० वर्त० वि० क० धा० वि० श० ष० स० सं० सू० हेत्व • धा० अ० Jain Education International संक्षेप अनेकवचन इत्यादि उदाहरण एकवचन कर्मणि भूतकालवाचक धातुसाधित विशेषण .तृतीया (विभक्ति) तृतीय पुरुष द्वितीया (विभक्ति) द्वितीय पुरुष नपुंसकलिंग, नपुंसकलिंगी पंचमी (विभक्ति) पूर्वकालवाचक धातुसाधित अव्यय प्रथमा ( विभक्ति) प्रथम पुरुष बहुवचन वर्तमानकालबाचक धातुसाधित विशेषण वर्तमानकाल विध्यर्थी कर्मणि धातुसाधित विशेषण शब्दश: षष्ठी (विभक्ति) सप्तमी (विभक्ति) संबोधन (विभक्ति) सूत्र हेत्वर्थक धातुसाधित अव्यय For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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