Book Title: Prakrit Vyakarana
Author(s): Hemchandracharya, K V Apte
Publisher: Chaukhamba Vidyabhavan

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Page 386
________________ पुरुष प्र० पु० पुरुष प्रथम द्वितीय तृतीय इ, ए हैं: - ( सूत्र ३.१४१-१४३, पूर्व धातु के अन्त्य अ का अन्त्य अका केवल अकारान्त धातु को पूर्व धातु के ये प्रत्यय धातु को लगते समय होने वाले बदल ऐसे १४५, १५४, १५५, १५८ देखिए ) : – (१) मि प्रत्यय के आ विकल्प से होता है । (२) मो, मु, म इन प्रत्ययों के आ ओर इ विकल्प से होते हैं । ( ३ ) से और ए ये प्रत्यय लगते हैं । ( ४ ) सब प्रत्ययों के पूर्व धातु के अन्त्य अ का ए विकल्प से होता है । (टिप्पणी : - ( १ ) क्वचित् मि प्रत्यय में से इ का लोप होकर है । उदा०-हस + मि हसं । (२) इरे प्रत्यय कभी तृतीय पुरुष लगता है । (३) इत्या प्रत्यय क्वचित् अन्य पुरुषों में भी लगता है । ऊपर के प्रत्यय लगकर होने बाले धातु केरूप ऐसे केवल म् रहता एकवचन में भी 1 ) वर्तमानकाल : हस धात् तृ० पु० प्राकृतव्याकरण- तृतीयपाद वर्तमानकाल- प्रत्यय एकवचन होमि एकवचन हसमि, हसामि, हसेमि पुरुष प्र० पु० द्वि० पु० होसि तृ० पु० होइ एकवचन मि द्वि० पु० हससि, हसे सि, इससे, इसे से हसइ, हसेइ, हसए, हसेए FE, Jain Education International से अनेकवचन वर्तमानकाल : हो धातु मो, मु, म इत्था, ह न्ति, न्ते, इरे अ० वचन हसमो, हसामो, हसिमो, हसेमो, इस मु, हसामु, हसिम, हसेमु, हसम, इसाम, हसिम, हसेम हश इत्या, हसित्था, हसेइत्या, हसेत्था, हसह, हसेह सन्ति, हसेन्ति, हसन्ते, हसेन्ते, हस इरे, _ सिरे, हसेइरे ३६७ अ० वचन होमो, होमु, होम होइत्था, होह होन्ति (हुन्ति) होते, होइरे ३·१४६ सिना भवति -- द्वितीय पुरुषी तीन वचनों में से एकवचन के सि इस आदेश के सह अस् धातु को सि आदेश होता है । ३ १४७ मिमोम -- मि के For Private & Personal Use Only लिए सूत्र ३०३४१ और मो तथा म के लिए सूत्र www.jainelibrary.org

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