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'चतुर्थ: पाद:
प्लावेरोम्वाल- पन्वालौ ॥ ४१ ॥
प्लवतेयं तस्य एतावादेशौ वा भवतः । ओम्वालइ । पव्वालइ । पावेइ ।
प्रेरक प्रत्ययान्स प्लवति ( /प्लु ) को ( ओम्वाल और पव्वाल ऐसे ) ये भादेश विकल्प से होते हैं । उदा० - ओम्बाला, पव्वालह । ( विकल्प पक्ष मे :- > पावेह |
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विकोशेः पक्खोडः ॥ ४२ ॥
विकोशयतेर्नामधातोर्ण्यन्तस्य पक्खोड इत्यादेशो वा भवति । पक्खोडद |
विकोसइ |
fastशयति इस प्रेरक प्रत्ययान्त नाम धातु को पक्खोड ऐसा आदेश विकल्प से होता है । उदा० - पक्खोडइ । ( विकल्प पक्ष में :-- ) विकोसइ । रामन्थे रोग्गाल - बग्गोलौ ॥ ४३ ॥
रोमन्थेर्नामधातोयं न्तस्य एतावादेशौ वा भवतः । ओग्गालइ । वग्गोलइ । रोमन्थइ ।
रोमन्थ ( शब्द ) से होने वाले प्रेरक प्रत्ययान्त नाम धातु को ऐसे ) ये आदेश विकल्प से होते हैं ! उदा० .. में : --- ) रोमंथइ |
ओग्गाल मौर --- ओग्गालइ, वग्गोल | ( विकल्प - पक्ष
कमेर्णिहुवः || ४४ ||
कमे स्वार्थण्यन्तस्य बहुव इत्यादेशो वा भवति । णिहुवइ । कामेइ ।
स्वायें प्रेरक प्रत्यय से अन्त होने वाले कम् धातु को णिहुव ऐसा आदेश विकल्प से होता है । उदा०- -- णिहुबइ ( विकल्प-पक्ष में :-- ) कामेह |
प्रकाशेर्णुव्वः ।। ४५ ।।
प्रकाशेष्यन्तस्य णुव्व इत्यादेशो वा भवति । गुव्वइ । पयासेइ |
प्रेरक प्रत्ययान्त प्रकाश्वातु को णुव्व ऐसा आदेश विकल्प से होता है । उदा०goat | ( विकल्प-पक्ष में :- २) पयासेइ ।
कम्पेर्विच्छोलः ॥ ४६ ॥
कम्पेण्यंन्तस्य विच्छोल इत्यादेशो वा भवति । विच्छोलइ । कम्पेई | प्रेरक प्रत्ययान्त कम्प् धातु को विच्छोल ऐसा विकल्प से होता है । उदा० विच्छोलs | ( विकल्प - पक्ष में :--- ) कम्पेइ |
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