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चतुर्थ: पाद:
क्षिपेर्गलत्थाडडक्ख-सोल्ल- पेल्ल-गोल्ल-ह-हुल- परी घत्ता ॥ १४३ ॥
क्षिपेते नवादेशा वा भवन्ति । गलत्थइ । अड्डक्खइ । सोल्लइ । पेल्लइ । गोइ । ह्रस्वत्वे तु गुल्लइ । छुहइ । हुलइ । परीइ घत्तइ । खिवइ ।
क्षिप धातु को ( गल्लत्थ, अड्डुक्ख, सोल्ल, पेल्ल, पोल्ल, छुह, हुल, परी, और धत ऐसे ) ये नौ आदेश विकल्प से होते हैं । उदा०-- गलत्थ इ " ...णोल्लइ; ( पोल्ल में से ओ स्वर ) ह्रस्व होने पर मात्र णल्लइ ( ऐसा रूप होगा ); छुहइ ●... | ( विकल्प पक्ष में ) : -- खिवइ । उक्षिपेगुलगुलोत्थं घाल्लत्थोत्तोस्सिक्क हक्खुवाः ॥ १४४ ॥
२१०
उत्पूर्वस्य क्षिपेते षडादेशा वा भवन्ति । गुलगुञ्छइ । उत्थंधइ । अल्ल
त्थइ । उब्भुत्तइ । उस्सिक्कइ । हक्खुवइ । उक्खिवइ ।
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उद् ( उपसर्ग ) पूर्व मे होने वाले क्षिप् वात को ( गुरुगुञ्छ, उत्थं ध, अल्लत्थ, उन्मुक्त उस्सिक्क और हक्खुव ऐसे ) ये छ: आदेश विकल्प से होते हैं । उदा० गुल गुञ्छइ... हक्खुवइ । ( विकल्प पक्ष में ) : उक्खिवइ । आक्षिपेर्णीरवः || १४५ ।।
आङ्पूर्वस्य क्षिपेर्णीरव इत्यादेशो वा भवति णीरवइ । अक्खिवइ । आ ( उपसर्ग ) पूर्व में होने वाले क्षिप बात को नीरव ऐसा आदेश विकल्प से होता है । उदा०- -गीरवर ( विकल्प - पक्ष में ) : --- अक्खिवइ ।
स्वपेः कमवस- लिस-लोट्टाः ।। १४६ ।।
स्वपेरेते त्रय आदेशा वा भवन्ति । कमवसइ । लिसइ । लोट्टई | सुअइ ।
स्वप् धातु को ( कमवस, लिस और लोट्ट ऐगे ) ये तीन आदेश विकल्प से होते हैं । उदा० --- -कमयसइ लोट्टई । ( विकल्प - पक्ष में )
--सुअइ ।
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वेपेरायम्यामज्झौ ॥ १४७ ॥
वेपेरायम्ब आयज्झ इत्यादेशौ वा भवतः । आयम्बइ । आयज्झइ | वेवइ । वे धातु को आयम्ब और आयज्झ ऐसे आदेश विकल्प से होते हैं । उदा०-आयम्बइ, आयझइ | ( विकल्प - पक्ष में ) :
- वेवड |
विलपेर्झ वडवडौ ॥ १४८ ॥
विलपेर्झङ्ख वडवड इत्यादेशौ वा भवतः । झखइ । वडवइ । विलवइ ।
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