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स्थानांग-सूची
१५१ श्रु०१, अ०४ उ०३ सूत्र ३२०
चार प्रकार के वृक्ष, इसी प्रकार चार प्रकार के पुरुष ३१४ विश्राम स्थल
चार प्रकार के लौकिक विश्राम
, लोकोत्तर ,,
लौकिक और लोकोत्तर विकास-ह्रास ३१५ चार प्रकार के पुरुष ३१६ चौवीस दण्डकों में चार प्रकार के युग्म ३१७ चार प्रकार के पराक्रमी पुरुष
प्रशस्त और अप्रशस्त अभिप्राय, चार प्रकार के पुरुष ३१६ चार लेश्या-१० भवन पति १ पृथ्वी १ अप १ वायु
१ वन ; (१४ दंडकों में चार लेश्या) ३२० क- धर्म युक्त और धर्म अयूक्त ।
युक्त-अयुक्त, परिणत, रूप और शोभा ये चार विकल्प
चार प्रकार के यान, इसी प्रकार चार प्रकार के पुरुष ख- चार प्रकार की पालकी, इसी प्रकार चार प्रकार के पुरुष ___"क" के चार विकल्पों की पुनरावृत्ति ग- कार्य बनाने वाला और कार्य बिगाड़ने वाला
चार प्रकार के सारथी, इसी प्रकार चार प्रकार के पुरुष घ- चार प्रकार के अश्व, इसी प्रकार चार प्रकार के पुरुष ___"क" के चार विकल्पों की पुनरावृत्ति
ङ- चार प्रकार के गज, इसी प्रकार चार प्रकार के पुरुष ___"क" के चार विकल्पों की पुनरावृत्ति च- मोक्ष मार्ग गामी, और संसार मार्ग गामी, चार प्रकार के
मार्गगामी या उन्मार्गगामी, इसी प्रकार चार प्रकार के पुरुष छ- गुण सम्पन्न और गुण अ सम्पन्न
चार प्रकार के पुष्प, इसी प्रकार चार प्रकार के पुरुष
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