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गाथा ३६
२
३
४-५
६-८
१ क- महावीर वंदना
ख- भक्त - परिज्ञा का कथन
जिन शासन स्तुति
ज्ञान सम्पादक
वास्तविक सुख जिनाज्ञा का आराधन
६
१०
११
१२-१५
१६
१७-१८
१६
२०
२१-२२
२३-२८
२६
३०
३१
३२-३४
३५
३६
६२४
४ भक्त-परिज्ञा प्रकीर्णक
३८-३६
पंडित मरण के तीन भेद भक्त-परिज्ञा के दो भेद भक्त - परिज्ञा का कथन
भक्त परिज्ञा की उपादेयता
दुःख भव-समुद्र
भव-समुद्र तिरने का संकल्प
गुरु का आदेश
गुरु वन्दना
सम्यक् आलोचना
महाव्रत स्थापना
अणुव्रत आराधना
गुरु, संघ और स्वधर्मी की पूजा द्रव्य का सदुपयोग
सामायिक चारित्र की धारणा भक्त-परिज्ञा का आराधना
आराधना-दोषों की आलोचना
३७ क - अन्तिम प्रत्याख्यान
ख- तीन आहार का त्याग या सर्वथा त्याग
चिन्तन मनन
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प्रकीर्णक-सूची
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