Book Title: Jainagama Nirdeshika
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Agam Anuyog Prakashan

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Page 973
________________ गाथा १६८ ६४५ पिण्डनियुक्ति-सूची गाथा प्रतिश्रवणा की व्याख्या. गाथा संवास और अनुमोदन की व्याख्या गाथा ११८-१२४ प्रतिसेवना और प्रतिश्रवणा के उदाहरण. गाथा १२५-१२६ संवास का उदाहरण. गाथा १२७-१२८ अनुमोदन का उदाहरण, गाथा १२६-१३० आधाकर्म शब्द के समानार्थक शब्दों की अर्थ विषयक चतुभंगी. गाथा १३१-१३२ चतुभंगी के उदाहरण. गाथा १३३-१३४ आधाकर्म शब्द के संबंध में चतुभंगी. गाथा १३५ आधाकर्म शब्द के समानार्थक शब्द. गाथा १३६ । __ आधाकर्म आहार ग्रहण करने से आत्मा की अधो गति. गाथा १३७ सामिक के निमित्त बनाहुआ आहार आधा कर्म है. गाथा १३८ साधर्मिक के बारह भेद. गाथा १३६-१४१ बारह प्रकार के लक्षण. गाथा १४२-१४३ नाम सार्मिक संबंधी कल्प्य अकल्प्य विधि. गाथा १४४ स्थापना सामिक और द्रव्य सार्मिक संबंधी विधि. गाथा १४५ क्षेत्र सार्मिक संबन्धी कल्प्य अकल्प्य विधि. गाथा १४६-११६ प्रवचन आदि सात पदों के इकबीस भंग और उनके उदाहरण. गाथा आधाकर्म का स्वरूप समझाने के लिए अशन आदि की व्याख्या. गाथा १६१ अशनादि सम्बन्धी चतुर्भगी. गाथा १६२-१६७ आधाकर्म अशन का उदाहरण गाथा १६८ आधाकर्म पेय का उदाहरण. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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