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अ० ६ चू० २
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चैत्यवंदन संबंधी प्रायश्चित्त
स्वाध्याय में बाधा देने वाले के लिये प्रायश्चित्त प्रतिक्रमण तथा पच्चुप्पेहा के प्रायश्चित्त पारिष्ठापनिका के तथा मुहणंतग के प्रायश्चित्त
ज्ञानग्रहण सम्बन्धी प्रायश्चित्त
भिक्षा सम्बन्धी प्रायश्चित्त
"धम्मो मंगल" गाथा
प्रायश्चित्त सूत्र के विच्छद की चर्चा
विद्या मंत्रों की चर्चा जो जलादि से रक्षा करता है
प्रायश्चित्त विशेष की चर्चा
आलोचनादि प्रायश्चित्त
हिंसा सम्बन्धी सुसढ की कथा
यतनारहित रहने से संसार के विषयों में राजकुल बालिका
की कथा
२३७ सुसढ सिज्ज श्री का पुत्र था - यह निर्देश २४१-२४१ "त्ति बेमि" से समाप्ति । ५४५४ ग्रन्थाग्र
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महानिशीथ सूची
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