Book Title: Jainagama Nirdeshika
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Agam Anuyog Prakashan

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Page 975
________________ गाथा २५० गाथा २१२-२१६ गाथा गाथा गाथा गाथा २२०-२२१ गाथा २२२-२२७ गाथा २२८ गाथा २२६-२३० गाथा २३१ २१७ २१८ २१६ गाथा गाथा गाथा २३४-२३६ गाथा २३७ गाथा २३८-२३६ २४० गाथा गाथा १४१-२४२ गाथा २४३ २३२ २३३ गाथा गाथा २४४ गाथा २४५-२४६ गाथा २४७-२४८ गाथा २५० ६४७ पिण्डनिर्युक्ति-सूची क- आज्ञा के आराधक का सदोष आहार भी निर्दोष ख- आज्ञा विराधक का निर्दोष आहार भी सदोष. आधाकर्म भोजी की दुर्गति का उदाहरण. औदेशिक आहार के दो भेद. विभाग औद्देशिक के बारह भेद. औघ औद्देशिक का उदाहरण. ओघ औद्देशिक आहार का ज्ञान. विभाग औद्देशिक Jain Education International औदेशिक आदि चार भेदों की व्याख्या. क- उदिष्ट औद्देशिक के दो भेद. ख- प्रत्येक भेद के चार चार भेद. २४६ - भावपूति के दो भेद अछिन्नद्रव्य औद्देशिक आहार. छिन्न द्रव्य औद्देशिक आहार. कल्प्य और अकल्प्य उदिष्ट आहार. उदिष्ट औदेशिक आहार. कृत औद्देशिक आहार. कर्म औद्देशिक आहार. कल्प्य और अकल्प्य कर्म औद्देशिक आहार. क पूतिकर्म के चार भेद. ख- द्रव्य पूतिकर्म का उदाहरण ग- भाव पूतिकर्म के दो भेद. द्रव्य पूर्ति की व्याख्या. द्रव्य पूर्ति का उदाहरण. भाव पूर्ति की व्याख्या. ख- बादर भावपूर्ति के दो भेद भक्त पान पूति की व्याख्या For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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