Book Title: Jainagama Nirdeshika
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Agam Anuyog Prakashan

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Page 961
________________ प्रकीर्णक-सूची ६३३ गाथा २१ ११७ ६१-६६ निकृष्ट गच्छ ६७-१०२ श्रेष्ठ गच्छ १०३ निकृष्ट गच्छ १०४-१०५ श्रेष्ठ गच्छ निकृष्ट गच्छ १०७-११६ निकृष्ट साध्वी गच्छ श्रेष्ठ साध्वी संघ ११८-१२२ निकृष्ट साध्वी संघ १२३ श्रेष्ठ साध्वी संघ १२४-१२६ असाध्वी लक्षण १२७-१२८ श्रेष्ठ साध्वी लक्षण १२६ निकृष्ट साध्वी संघ १३०-१३१ श्रेष्ठ साध्वी संघ १३२-१३४ निकृष्ट साध्वी लक्षण ८ गणिविद्या प्रकीर्णक आदि वाक्य नो प्रकार के बल विहार के लिए शुभाशुभ तिथियाँ शिष्य का निष्क्रमण तिथियों के नाम दीक्षा के लिए श्रेष्ठ तिथियां नो नक्षत्रों में गमन करना शुभ १२-१४ प्रस्थान के लिये उपयुक्त नक्षत्र निषिद्ध नक्षत्र १६-२० निषिद्ध नक्षत्रों का फल २१ पादपोपगमन करने के नक्षत्र * * * / * * * Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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