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श०२ उ०२-५ प्र०३४
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भगवती-सूची
गुणरत्नसंवत्सर तप की आराधना. संलेखणा पादपोगमन, अच्युत देवलोक में गमन. महाविदेह में निर्वाण
द्वितीय समुद्घात उद्देशक १६ क- सात समुद्घात ख- चौवीस दण्डकों में समुद्घात.
अणगार द्वारा केवली समुद्घात तृतीय पृथ्वी उद्देशक सात पृथ्वियों का वर्णन सर्व प्राणियों की सर्वत्र उत्पत्ति चतुर्थ इन्द्रिय उद्देशक इन्द्रियों का वर्णन
पंचम अन्य तीथिक उद्देशक २४ क- अन्य तीथिक-एक समय में दो वेद का वेदन ख- भ० महावीर-~-एक समय में एक वेद का वेदन
गर्भ विचार उदक गर्भ का जघन्य उत्कृष्ट काल परिमाण तिर्यंच योनि में गर्भ का जघन्य उत्कृष्ट काल परिमाण मनुषी गर्भ का जघन्य उत्कृष्ट काल परिमाण गर्भ में मरकर पुन: गर्भ में उत्पन्न हो तो उत्कृष्ट गर्भकाल का परिमाण
मानुषी और तिर्यंच स्त्री में वीर्य की जघन्य उत्कृष्ट स्थिति ३० एक भव में एक जीव के उत्कृष्ट पिता ३१-३२ एक भव में एक जीव के उत्कृष्ट पुत्र ३३ मैथुन सेवन से होने वाला असंयम
तुंगिका नगरी ३४ क- तुंगिका नगरी के श्रावकों का परिचय
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