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उत्तराध्ययन सूची
५-७
८- १०
११
१२
१३-१६ पौरुषी प्रमाण
२८
२६
३०
३१
३२
३३-३४
३५
३६
दस समाचारियों के कर्त्तव्य
दिवस - समाचारी
दिन के चार भाग
चार भागों में श्रमण के कृत्य
१७
रात्रि- समाचारी, रात्रि के चार भाग
१८
चार भागों में भ्रमण के कर्त्तव्य
२१-२२ दिवस - समाचारी- प्रथम भाग में करने योग्य कार्य
२३- २५
प्रति लेखना की विधि
२६
दोष
२७
३७
३८
३६
४०
४१
४२
४३
४४
८०५
प्रतिलेखना के ६
प्रति लेखना के अन्य दोष
प्रति लेखना के तीन पदों के आठ भांगे
प्रति लेखना के समय निषिद्ध कृत्य
प्रमत्त प्रतिलेखक विराधक
अप्रमत्त प्रतिलेखक आराधक
तृतीय पौरुषी में भिक्षा
आहार लेने के ६ कारण आहार त्याग के ६ कारण
भिक्षा क्षेत्र का उत्कृष्ट प्रमाण चतुर्थ पौरुषी के कर्त्तव्य
शय्या की प्रतिलेखना का समय
मलमूत्र विसर्जनार्थ भूमि का अवलोकन देवसिक अतिचारों-दोषों का चिन्तन की आलोचना
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कायोत्सर्ग
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स्तुति मंगल पाठ - काल विवेक
रात्रि- समाचारी― चार भाग के कर्त्तव्य
अ० २६ गाथा ४४
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