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उ० २ सूत्र ३६
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निशीथ-सूची
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१४-१७
१८-१६
गंध सुगंधित तैल-इत्र आदि सूंघना प्रथम महावत प्रायश्चित्त मार्ग आदि का निर्माण कार्य कराना पानी की नाली का निर्माण कार्य कराना छींका डोरी का निर्माण कार्य कराना सूई आदि को डोरियों का निर्माण कार्य कराना सूई, कैंची, नखहरणी और कर्ण-शोधनी सम्बन्धी नियमों का भंग करना द्वितीय महावत-प्रायश्चित्त भाषा समिति-प्रायश्चित्त तृतीय महाव्रत-प्रायश्चित्त ब्रह्मचर्य महाव्रत-प्रायश्चित्त हस्तादि प्रक्षालन का प्रायश्चित्त एषणा समिति-प्रायश्चित्त अखण्ड चर्म रखना अखण्ड वस्त्र रखना अभिन्न बस्त्र रखना पात्र परिकर्म करना दण्डादिका परिकर्म करना स्थविरों की आज्ञा के बिना अधिक पात्र रखना एषणा समिति परिभोगैषणा प्रायश्चित्त आहार विषयक प्रायश्चित्त सदैव एक स्थान पर रहना दातार की प्रशसा करना एषणा समिति प्रायश्चित्त स्व सम्बन्धियों से आहार लेना
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