________________
प्रकीर्णक-सूची
४४
४५
४६-४७
४८-५०
५.१
५२
५३-५५
५६
५७
५८
५६ ६०
६१
६२
६३
६४
६५
६६-७०
१-२
३-५
६-७
८
६-१०
११
१२
१३-१७
६२१
बाल मरण मरने वाले
बाल मरण
पण्डित मरण का संकल्प काम भोग से अतृप्ति
क- सच्चित आहार का फल
ख- सच्चित आहार का त्याग मरण की प्रतीक्षा में
देह त्याग
भव मुक्ति
जिन वचन पर श्रद्धा
अन्तिम समय में द्वादशाङ्ग श्रुत का चिन्तन असम्भव
आराधक मरण
तीन भव से मुक्ति
श्रमण व संयत
मरण से भय नहीं
धीर अधीर की मृत्यु
शीलवाल और शील रहित की मृत्यु
मुक्त होने की योग्यता का संपादन
Jain Education International
गाथा १७
३ महा प्रत्याख्यान प्रकीर्णक
अर्हत सिद्ध और संयतों को वन्दन, श्रद्धा, पाप-प्रत्याख्यान सर्व विरति
क्षमा याचना
प्रतिक्रमण
ममत्व त्याग
निश्चय दृष्टि से आत्मा ही ज्ञान दर्शनादि रूप है
मूलगुण और उत्तरगुणों का प्रतिक्रमण
एकत्व भावना
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org