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सूत्र १६६
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कल्पसूत्र-सूची
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ख- जम्बूद्वीप, भरत, वाराणसी नगरी, अश्वसेन राजा, वामा
रानी ग- वामारानी की कुक्षी में भ० पार्श्वनाथ का अवतरण १५१ क- भ० पार्श्वनाथ के तीन ज्ञान
ख- स्वप्न दर्शन आदि सर्व वृतान्त १५२ पौष कृष्णा दसमी के दिन भ० पार्श्वनाथ का जन्म
देवताओं द्वारा भ० पार्श्वनाथ का जन्मोत्सव १५४ पाश्र्व कुमार नाम देने का हेतु
भ० पार्श्वनाथ की तीस वर्ष की वय होने पर लोकान्तिक देवों का आगमन
भ० पार्श्वनाथ द्वारा वर्षीदान १५७ पोष कृष्णा एकादशी के दिन भ० पार्श्वनाथ की तीन सौ
पुरुषों के साथ अनगार प्रव्रज्या तियासी दिन का उपसर्ग सहन काल भ० पार्श्वनाथ की समिति गुप्ति आराधना भ० पार्श्वनाथ को चैत्र कृष्णा चतुर्थी के दिन केवल ज्ञान भ० पार्श्वनाथ के आठ गण और आठ गणधर भ० पार्श्वनाथ के अनुयायी श्रमण भ० पार्श्वनाथ की अनुयायी श्रमणियाँ
भ० पार्श्वनाथ के श्रमणोपासक १६४ भ० पार्श्वनाथ की श्रमणोपासिकाएं
भ० पार्श्वनाथ के अनुयायी चौदह पूर्वी मुनि १६६ क- भ० पार्श्वनाथ के अनुयायी अवधिज्ञानी मुनि
ख- भ० पार्श्वनाथ के अनुयायी केवलज्ञानी मुनि ग- भ० पार्श्वनाथ के अनुयायी वैक्रिय लब्धि सम्पन्न मुनि घ- भ० पार्श्वनाथ के अनुयायी मनः पर्यव ज्ञानी मुनि ड- भ० पार्श्वनाथ के मुक्त होने वाले शिष्य
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