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सूत्र ६४
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कल्पसूत्र-सूची
ग- अनुपशम भाव से विराधना घ- साधुता का सार
तीन उपाश्रय की याचना भिक्षाचर्या के लिये दिशा अभिग्रह रुग्ण श्रमण के लिये आवश्यक वस्तु निमित्त दूर जाने का परिमाण उपसंहार-समाचारी की आराधना से निर्वाण भ० महावीर का चतुर्विध संघ के समक्ष पर्युषणा कल्प का प्रवचन
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