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उ० १, २, ६, गाथा
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प्रायश्चित्त संबंधी विशेष विवरण
उद्देशक - १
प्रथम उद्देशक में निर्दिष्ट दोषों का परवश या अनुपयोग से सेवन करनेपर प्रायश्चित्त जघन्य ४ । मध्यम १५ । उत्कृष्ट ३० निर्विकृतिक । प्रथम उद्देदेशक में निर्दिष्ट दोषों का आतुरता या उपयोग पूर्वक सेवन करनेपर प्रायश्चित्त जघन्य ४ । मध्यम १५ । उकृष्ट ३०
आचाम्ल ।
प्रथम उद्दे शक में निर्दिष्ट दोषों का मोहोदय से सेवन करने पर प्रायश्चित्त जघन्य ४ । मध्यम १५ । उत्कृष्ट ३० उपवास ।
निशीथ-सूची
उद्देशक — २
द्वितीय उद्दे शक में निर्दिष्ट दोषों का परवश या अनुपयोग से सेवन करने पर प्रायश्चित्त जघन्य ४ । मध्यम १५ । उकृष्ट २७ एकाशन । द्वितीय उद्देशक में निर्दिष्ट दोषों का आतुरता या उपयोग पूर्वक सेवन करने पर प्रायश्चित्त जघन्य ४ । मध्यम १५ । उत्कृष्ट २७ ।
आचाम्ल
द्वितीय उद्देशक में निर्दिष्ट दोषों का मोहोदय से सेवन करने पर प्रायश्चित्त जघन्य ४ | मध्यम १५ । उत्कृष्ट २८ । उपवास
उद्देशक -- ६
छठे उद्दे शक में निर्दिष्ट दोषों का परवश या अनुपयोग से सेवन करने पर प्रायश्चित्त जघन्य ४ उपवास । मध्यम ४ षष्ठ भक्त ।
उत्कृष्ट १२० उपवास या चार मास का छेद ।
छठे उद्देशक में निर्दिष्ट से दोषों का आतुरता या उपयोग पूर्वक सेवन करने पर प्रायश्चित्त जघन्य ४ षष्ठ भक्त या चार दिन का छेद |
मध्यम ४ अष्टम भक्त या ६ दिन का छेद ।
उत्कृष्ट १२० उपवास या चार मास का छेद ।
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