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व्यवहारसूत्र-सूची
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उ० ५ सूत्र १० विनय-भक्ति २४-२५क- शिष्य अल्पश्रुत, गुरु बहुश्रुत ख- शिष्य बहुश्रुत, गुरु अल्पश्रुत
वंदन व्यवहार २६-३२ (१) एक साथ रहने वाले निर्ग्रन्थों का तथा निर्ग्रन्थियों का
दीक्षा पर्याय के अनुसार वन्दन व्यवहार (२) एक स्थान में मिलने वाले निर्ग्रन्थों का तथा निर्ग्रन्थियों
का दीक्षा पर्याय के अनुसार वन्दन व्यवहार क- दो भिक्षुओं का ख- दो गणावच्छेदकों का ग- दो आचार्य-उपाध्यायों का ध- अनेक भिक्षुओं का ङ- अनेक गणावच्छेदकों का च- अनेक आचार्य उपाध्यायों का छ- अनेक भिक्षु अनेक गणावच्छेदक और अनेक आचार्य उपाध्यायों का
पंचम उद्देशक १-१० निर्ग्रन्थियों की विहार मर्यादा
क-ख- हेमन्त और ग्रीष्म में दो निर्ग्रन्थियों सहित प्रवर्तिनी का विहार ग-ध- हेमन्त और ग्रीष्म में तीन निर्ग्रन्थियों सहित गणावच्छेदिनी
का विहार निर्ग्रन्थियों का वर्षावास ङ- तीन निर्ग्रन्थियों सहित प्रवर्तिनी का वर्षावास च- चार निर्गन्थियों सहित गणावच्छेदिनी का वर्षावास
निर्ग्रन्थी संघ सम्मेलन
हेमन्त और ग्रीष्म में छ-ज- ग्राम-यावत्-सन्निवेश में हेमन्त और ग्रीष्म में सम्मिलित अनेक
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