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उ० ४ सूत्र १२
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व्यवहारसूत्र-सूची क- तरुण निर्ग्रन्थ को आचार्य-उपाध्याय की मृत्यु के पश्चात् अन्य
आचार्यउपाध्याय की निश्रा-आधीन रहना ख- तरुण निर्ग्रन्थी को उपरोक्त प्रकार से रहना साथ ही प्रवर्तिनी
की निश्रा में रहना १३-२२ मैथुन सेवी भिक्षु और प्रमुख पद २३-२६ मृषावादी भिक्षु और प्रमुख पद
चतुर्थ उद्देशक
विहार-मर्यादा १-२ हेमन्त और ग्रीष्म में आचार्य-उपाध्याय का एक अन्य निग्रंथ
सहित विहार गणावच्छेदक का दो अन्य निग्रंथ सहित विहार
वर्षावास-मर्यादा ५.६ दो अन्य निग्रंथ सहित आचार्य-उपाध्याय का वर्षावास
तीन अन्य निग्रंथ सहित गणावच्छेदक का वर्षावास संघ सम्मेलन
हेमन्त और ग्रीष्म में क. ग्राम-यावत्-सन्निवेश में सम्मिलित अनेक-आचार्य उपाध्यायों
का हेमन्त और ग्रीष्म में एक-एक निर्ग्रन्थ सहित रहना ख- गणावच्छेदकों को दो दो निग्रन्थों के साथ रहना
वर्षावास में--- १० क- ग्राम यावत्-सन्निवेश में आचार्य-उपाध्यायों का दो दो निर्ग्रन्थों
सहित वर्षावास
ख- गणावच्छेदकों का तीन तीन निर्ग्रन्थों सहित वर्षावास ११-१२ प्रमुख निर्ग्रन्थ की मृत्यु के पश्चात् प्रमुख पद
क- हेमन्त और ग्रीष्म में
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