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भगवती-सूची
३८६
पांच प्रकार का स्पर्श करण
७६ पांच प्रकार का संस्थान करण
दशम व्यंतर उद्देशक
७७ व्यंतरों का आहार, उच्छ्वास- याचत्-महधिक अपधिक अल्प
बहुत्व
बीसवाँ शतक
प्रथम बेइन्द्रिय उद्देशक
१ बेइन्द्रियादि जीवों के शरीरबंध का क्रम
२ बेइन्द्रियादि जीवों के दृष्टि, ज्ञान, योग, आहार में भिन्नता
शेष अग्निकायवत्
३ बेइन्द्रियादि जीवों की स्थिति में भिन्नता
४ सर्वार्थसिद्ध पर्यन्त पंचेन्द्रिय जीवों के शरीर बंध, लेश्या, दृष्टि, ज्ञान, अज्ञान, योग में भिन्नता, शेष बेइन्द्रिय के समान
५ पंचेन्द्रियो में संज्ञा, प्रज्ञा, मन और वचन
६ पंचेन्द्रियों में इष्ट-अनिष्ट रूप, गंध, स्स, स्पर्श का अनुभव
७ पंचेन्द्रियों में प्राणातिपात यावत् मिथ्यादर्शनशल्य, स्थिति, समुद्घात और उद्वर्तना शेष बेइन्द्रियों के समान
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द्वितीय प्रकाश उद्देशक
०२० उ०३ प्र०१६
म दो प्रकार का आकाश
६ क - लोकाकाश, जीव, जीवदेशरूप है
खं- धर्मास्तिकाय यावत् पुद्गलास्तिकाय कितना बडा है
१० क- अधोलोक की महानता
- ईषत्प्राग्भारा पृथ्वी की महानता
११-१५ पंचास्तिकाय के पर्यायवाची तृतीय प्राणवध उद्देशक
१६ क- अठारह पाप
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