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अ० १० गाथा २७
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उत्तराध्ययन-सूची
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नमन
गृहस्थाश्रम में गृहस्थधर्म की आराधना करते रहने के लिये प्रार्थना
नमि राजा का उत्तर ४२-४३ गृहस्थ जीवन में ही धर्म आराधना करने के लिए प्रार्थना ४४-४५ नमि राजा का उत्तर ४६-४७ कोश की वृद्धि के लिये प्रार्थना ४८-५० नमि राजा का उत्तर
प्राप्त भोगों का परित्याग न करने के लिये प्रार्थना ५२-५४ क्रोधादि कषायवालों की दुर्गति ५५-६१
ब्राह्मण रूप त्याग कर इन्द्र ने नमि राजा से क्षमा याचना
तथा प्रशंसा, नमि राजा की प्रव्रज्या ६२ उपसंहार-नमि राजा के समान बुद्ध पुरुषों की भोगों से निवृत्ति
दशम द्रुम-पत्रक अध्ययन मनुष्य जीवन को द्रुम-पत्र की उपमा
,, को कुशाग्र बिन्दु की उपमा पुराकृत कर्मरज को दूर करने के लिये उपदेश
मनुष्य भव की दुर्लभता ५-१४ पृथ्वीकाय-यावत्-नरक पर्यंत भव ग्रहण
शुभाशुभ कर्मों से भवभ्रमण आर्य जीवन दुर्लभ परिपूर्ण इन्द्रियाँ दुर्लभ धर्म श्रवण दुर्लभ श्रद्धा दुर्लभ
आचरण दुर्लभ २१-२६ श्रोत्रन्द्रियादि सर्व बलों की हानि
रोगों की प्रचुरता
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