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“सूत्र ६४-७२
५७६
६४ क तिर्यंच योनिक स्त्री, पुरुषों का अल्प- बहुत्व
ख मनुष्य योनिक ग देव योनिक
६५
६६
६७
061
७१
तृतीया चतुविध जीव प्रतिपत्ति
संसार स्थित जीव चार प्रकार के
नैरयिक जीव
प्रथम उद्देशक
नैरयिक
सात नैरयिकों के नाम गोत्र नरक वर्णन
६८
सात नरकों का बाहल्य
६६ क रत्नप्रभा पृथ्वी के तीन काण्ड
ख खर काण्ड
ग शर्कराप्रभा-यावत्-तमस्तमा एक एक प्रकार का
सात नरकों के नरकावास
सात नरकों के नीचे घनोदधि, घनवात, तनवात और अवका
घ
ङ
च
छ
1815
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शान्तर
७२ क रत्नप्रभा के खरकाण्ड का बाहल्य
ख
ग
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21
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रत्नकाण्ड का यावत् - रिष्टकाण्ड का बाहल्य
पंकबहुलकाण्ड का
अप्बहुलकाण्ड का धनोदधि का
घनवात का
तनुवात का
ज शर्कराप्रभा-यावत् - तमस्तमा के घनोदधि का बाहल्य
झ
घनवात का
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"
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सात प्रकार के
सोलह प्रकार के
जीवाभिगम सूची
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