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प्रज्ञापना-सूची
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पद ३१-३३ सूत्र ७
घ- चौवीस दण्डक में साकार-अनाकार पश्यता २ चौवीस दण्डक में साकार-अनाकार दर्शी ___क- केवली का एक समय में एक उपयोग ख- ईषत्प्राग्भारा-यावत्-रत्नप्रभा के जानने और देखने का
भिन्न-भिन्न समय ग- परमाणु पुद्गल-यावत्-अनंत प्रदेशी स्कंध के जानने और
देखने का भिन्न-भिन्न समय
१
एकत्रिंशत्तम संज्ञी पद क- चौवीस दण्डक में संज्ञी-असंज्ञी ख- सिद्ध नो संज्ञी नो असंज्ञी
द्वात्रिंशत्तम संयत पद १ क- सामान्य जीव-संयत-यावत्-नो संयत-नो असंयत-नो संयता.
संयत ख- चौवीस दण्डक में संयत असंयत संयतासंयत
१
तयस्त्रिशत्तम-अवधिपद
दस अधिकारों के नाम क. अवधिज्ञान ख- दो को भवप्रत्ययिक ग. दो को क्षायोपशमिक
नारकों-यावत्-देवों के अवधिज्ञान का क्षेत्र नारकों-यावत्-देवों के अवधिज्ञान का संस्थान नारक-यावत्-देव अवधि मध्यवर्ती, स्पर्द्ध कावधि और विछिन्नावधि की विचारणा नारक-यावत्-देवों का देशावधि और सर्वावधि
२-४
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