________________
७८४
उत्तराध्ययन-सूची
अ० ५ गाथा २ १० (४) वीर्य-आचरण की दुर्लभता चार अंगों की प्राप्ति का पार लौकिक फल
इह लौकिक , घृत सिक्त अग्नि का उदाहरण १३
कर्म बन्ध के कारणों को जानने का फल १४-१५ चार अंगों की प्राप्ति का वैकल्पिक फल-देव गति १६-१६
, मानव भव २०
उपसंहार-चार अंगों की प्राप्ति से सिद्ध पद
चतुर्थ प्रमादाप्रमाद अध्ययन' १ अप्रमाद का उपदेश २-५ क- धनार्जन में पाप कर्मों का बन्ध
ख. चोर का उदाहरण
ग. दीपक का उदाहरण ६-७ क- अप्रमाद का उपदेश
ख. भारण्ड पक्षी का उदाहरण ८ क- स्वच्छन्दता का निषेध ख- अप्रमत्त को शिक्षित एवं कवचधारी अश्व की उपमा
प्रमत्त का अन्तिम समय में दुःखी होना १० अप्रमाद का उपदेश ११-१३ राग-द्वेष एवं कषाय की निवृत्ति के लिये उपदेश
समभाव' की साधना के लिये उपदेश पंचम अकाम-मरण अध्ययन मरण विषयक प्रश्न मरण के दो भेद
ह
प्रमत्त का
१. इस अध्ययन का दूसरा नाम असंस्कृत अध्ययन है
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org