________________
श्रु० १ अ०४
५१७
घ- अभग्नसेन को बन्दि बनाने का आदेश
ङ- अभग्नसेन के अपने गुप्तचरों से राजाज्ञा की जानकारी च - अटवी की सीमा पर अभग्नसेन की राजपुरुषों से मुठभेड़ छ- परास्त राजपुरुषों द्वारा राजा के सामने अभग्नसेन की अजेयता का वर्णन
विपाक सूची
२० क- महबल राजा द्वारा कूटागारशाला का निर्माण
ख- अभग्नसेन को छल से बंदि बनाना तथा सूली का आदेश देना. अभग्नसेन की पुर्णायु. मृत्यु. नरकगति
ग- अभग्नसेन का भवभ्रमण
ध- वाराणसी में सेठ के घर जन्म. स्थविरो से धर्मश्रवण. वैराग्य. दीक्षा. संयमाराधन. समधिमरण. महाविदेह से मुक्ति चतुर्थ शकट अध्ययन
[ मांसविक्रय और व्यभिचार का फल ]
२१ क- उत्थानिका साहजनी नगरी. देवरमण उद्यान. अमोघयक्ष का यक्षायतन. महचंद राजा. सुसेण अमात्य, सुदर्शणा गणिका. सुभद्र सार्थवाह भद्रा भार्या. शंकर पुत्र
ख- भ० महावीर का समवसरण धर्म कथा
ग- गौतम गणधर का गौचरी जाना. राजमार्ग के मध्य में नरवध का दृश्य देखना
घ- भ० महावीर से वध्यपुरुष का पूर्वभव पूछना
ङ - पूर्वभव. जंबूद्वीप. भरत. छगलपुर. सोहगिरि राजा. छणिक नाम का छागलिक कसाई . [ बहुत बडा मांस विक्रेता ]
च- मद्य मांस के आहारी क्षणिक की पूर्णायु. मृत्यु. नरक गति छ- क्षणिक की आत्मा का भवभ्रमण
२२ क- छणिक की आत्मा का मृतवत्सा भद्रा की कुक्षि से जन्म, शिशु को शकट के नीचे रखना और शकट नाम रखना
ख- सुभद्रसार्थवाह की लवणसमुद्र यात्रा, जहाज का टूटना, सुभद्र का मरना, भद्रा का भी मरना
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org