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ओपपातिक सूची
३८ क- गौतम गणधर का कायिक व आध्यात्मिक परिचय ख- गौतम गणधर की जिज्ञासा. विनय भक्तिपूर्वक प्रश्न ग- प्रश्नोत्तर
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(१) असंयत- यावत् - एकान्त सुप्त के पाप कर्मों का आगमन [ आश्रव] का
( २ ) असंयत- यावत् - एकान्त सुप्त के मोहकर्म का (३) मोहबन्ध के साथ वेदना बन्ध का
( ४ ) असंयत- यावत् प्राणघाती की नरक गति का ( ५ ) असंयत की देवगती का.
असंयत के व्यन्तर देव होने के कारण
(६) व्यन्तर देवो की स्थिति
( ७ ) व्यन्तर देवो की ऋद्धि आदि
( ८ ) व्यन्तर देवों का आराधक न होना
( 2 ) कठोर दण्ड सहने वाले अपराधियों तथा आत्मघातकों की व्यन्तर देवों में उत्पत्ति
(१०) व्यन्तर देवों की स्थिति
( ११ ) व्यन्तर देवों की शुद्धि आदि
( १२ ) व्यन्तर देवों का अनाराधक होना
सूत्र ३८:
(१३) प्रकृति भद्र यावत् - अल्प आरम्भ --सारम्भ जीवि मनुष्यों की व्यन्तर देवों में उत्पत्ति
(१४) व्यन्तर देवों की स्थिति [ अनाराधक ]
(१५) गतपतिका - यावत् अनिच्छा से ब्रह्मचर्य पालन करने वाली स्त्रियों की व्यन्तर देवों में उत्पत्ति
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(१६) व्यन्तर देवों की स्थिति [ अनाराधक ]
(१५) द्विद्रव्य भोजी - यावत्- केवल सर्पपतेलभोजी मनुष्यों की व्यन्तर देवों में उत्पत्ति
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