________________
राज प्र० सूची
५५६
सूत्र ३५-३७ प्रत्येक चैत्य वृक्ष की ऊँचाई और उवध स्कंध गोलाई आदि का परिमाण प्रत्येक चैत्य वृक्ष के सामने एक मणिपीठिका प्रत्येक मणिपीठिका का आयाम-विष्कम्भ और बाहल्य प्रत्येक महेन्द्र ध्वज की ऊँचाई उद्वेध और विष्कम्भ प्रत्येक महेन्द्र ध्वज के सामने एक एक पुष्करिणी प्रत्येक पुष्करिणी का आयाम-विष्कम्भ और उद्वेध पद्मवर वेदिका, वनखण्ड आदि का वर्णन सुधर्मा सभा में मनोगुलिकाएं, नागदंत, छींके आदि सुधर्मा सभा में एक महामणिपीठिका । मणिपीठिका पर एक माणवक चैत्य स्तम्भ चैत्य स्तम्भ की ऊँचाई उद्वध विष्कम्भ आदि चैत्य स्तम्भ के मध्य भाग में नागदंत, नागदन्तों के छींके पर डिब्बे, डिब्बों में जिन अस्थियाँ
अस्थियों की अर्चा, चैत्यस्तम्भपर अष्ट २ मंगल ३५ क- माणवक स्तम्भ के पूर्व में एक महापीठिका
महापीठिका का आयाम-विष्कम्भ और बाहल्य ख- पश्चिम में महा मणपीठिका, उसका आयाम-विष्कम्भ और
बाहल्य ग- मणिपीठिकापर एक देव शयनीय और उसका वर्णन ३६ क- देवशयनीय के उत्तर-पूर्व में एक महामणिपीठिका उसका
विष्कम्भ और बाहल्य ख- महामणिपीठिका पर एक महेन्द्र ध्वज, उसकी ऊँचाई और
विष्कम्भ महेन्द्र ध्वज के पश्चिम में सूर्याभ देव का एक शस्त्रागार
सुधर्मा सभा आदि ३७ क- सुधर्मा सभा के उत्तर-पूर्व में एक महासिद्धायतन
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org