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भगवती-सूची
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श०२५ उ०७ प्र०६
अठाईसवां अाकर्ष द्वार १२८-१३५ पांच निग्रंथों के आकर्ष
उनत्तीसवां काल द्वार १३६-१४१ पांच निग्रंथों की स्थिति
तीसवां अन्तर द्वार १४२-१४६ पाँच निग्रंथों का अन्तर द्वार
इकतीसवां समुद्घात द्वार १४७-१५१ पांच निग्रंथों में समुद्घात
बत्तीसवां क्षेत्र द्वार १५२-१५३ पाँच निग्रंथों के क्षेत्र
तेतीसवां स्पर्शना द्वार पांच निग्रंथों की स्पर्शना
चौतीसवां भाव द्वार १५५-१५७ पांच निग्रंथों का भाव
पैंतीसवां परिमाण द्वार १५८-१६२ पांच निग्रंथों का परिमाण
छत्तीसवां अल्प-बहुत्व द्वार १६३ पांच निग्रंथों की अल्प-बहुत्व
सप्तम संयत उद्देशक पांच प्रकार के चारित्र दो प्रकार का सामायिक चारित्र दो प्रकार का छेदोपस्थापनीय चारित्र दो प्रकार का परिहारविशुद्ध चारित्र
दो प्रकार का सूक्ष्म संपराय चारित्र ६ क- दो प्रकार का यथाख्यात चारित्र
ख-१ गाथायें, पांच चारित्रों का अर्थ
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