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उपासक दशा-सूची
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अ०१ सू०८८ भ० महावीर का विहार
आनन्द का ज्ञानार्जन एवं गृहधर्म की आराधना ६५ क- गृहस्थधर्म आराधना के चौदह वर्ष
ख- पंदरहवें वर्ष में ज्येष्ठ पुत्र को गृहभार सौंप कर कोल्लाक
सन्निवेश में ज्ञातकुल की पौषधशाला में निवृत्तिमय जीवन
बिताने का संकल्प करना ६६-६७ ज्येष्ठपुत्र द्वारो आनन्द के आदेश की स्वीकृति ६८
आनन्द का कोल्लाक सन्निवेश की पौषधशाला में जाकर
आराधना करना ६९-७० आनन्द का पडिमा आराधन ७१-७२ आनन्द की संलेखना
आनन्द को अवधिज्ञान. अवधिज्ञान की सीमा ७४ भगवान महावीर का पुनरागमन. ७५ गौतमस्वामी का संक्षिप्त परिचय ७६-७७ गौतमस्वामी का भिक्षार्थ जाना ७८-८० गणधर गौतम का आनन्द के समीप पहँचना ८१ आनन्द ने अपने अवधिज्ञान की सूचना गौतम स्वामी को दी ८२-८३ गौतम का संदेह. ८४-८६ क- आनन्द के अवधिज्ञान के सम्बन्ध में भ० महावीर द्वारा
गौतम के संदेह का समाधान ख- आनन्द से क्षमा याचना के लिए गौतम को भ० महावीर का
आदेश क- आनन्द का बीस वर्ष का श्रमणोपासक जीवन ख- इग्यारह उपासक प्रतिमा की आराधना ग- आनन्द की अन्तिम आराधना, एक मास की संलेखना
घ- सौधर्म कल्प के अरुण विमान में आनन्द का उत्पन्न होना ८८ क- आनन्द की आत्मा के सम्बन्ध में गौतम स्वामी की जिज्ञासा
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