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भगवती-सूची
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श०२० उ० प्र०८३ ६१-६४ पूर्वगत श्रुत की स्थिति
तीर्थ भ० महावीर के तीर्थ की स्थिति भावी अन्तिम तीर्थंकर के तीर्थ की स्थिति तीर्थ और तीर्थंकर प्रवचन प्रवचन और प्रवचनी धर्म अराधना उग्र आदि कुलों के क्षत्रियों की धर्म आराधना और निर्वाण चार प्रकार के देवलोक नवम चारण उद्देशक दो प्रकार के चारणमुनि विद्या चारण कहने का हेतु
विद्या चारण की शीघ्रगति ७४ विद्या चारण की तिरछी गति ७५ क- विद्याचरण की उर्ध्वगति
__ ख- गमनागमन के प्रतिक्रमण से प्राराधकता ७६ जंघा चारन कहने का हेतु
जंघा चारन की शीघ्र गति
जंघा चारन की तिरछी गति ७६ क- जंघा चारन की उर्ध्व गति ख- गमनागमन के प्रतिक्रमण से आराधकता
सोपक्रम और निरुपक्रम आयु चौवीस दण्डक के जीवों का सोपक्रम और निरुपक्रम आयु चौबीस दण्डक के जीवों का पूर्व भव में आयु का आत्मोपक्रमपरोपक्रम और निरुपक्रम आत्मोपक्रम, और परोपक्रम यानी निरुपक्रम से चौबीस दण्डक
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