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भगवती-सूची
३८
is a
३.६
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४७-४६
लोक
लोक का मध्यभाग
३५२
चतुर्थ पृथ्वी उद्देशक
सात पृथ्वियां
सात नरकों के नरकावासों की संख्या तथा नैरयिकों के कर्मादि सात नरकों के नैरयिकों का थ्वी - यावत् - बनस्पति का स्पर्शानुभव सात नरकों की बाहुल्य - चौड़ाई
समस्त नरकावासों के समीपवर्ती - यावत्-वनस्पति कायिक जीवों
के कर्म और वेदना
अधोलोक का मध्यभाग
उर्ध्वलोक का मध्यभाग तिर्यक् लोक का मध्यभाग
दिशा
दिशा विदिशा विचार
अस्तिकाय
पंचास्तिकाय रूप लोक
पंचास्तिकायों की प्रवृत्ति
श०१३ उ०४ प्र०७७
५०
५१-५५
५६-६६ - पंचास्तिकाय के प्रदेशों का परस्पर स्पर्श
ख- पंचास्तिकाय के प्रदेशों का काल - समयों से स्पर्श
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६७ क- पंचास्तिकाय द्रव्यों का पंचास्तिकाय के प्रदेशों से स्पर्श ख- पंचास्तिकाय द्रव्यों का काल - समयों से स्पर्श
६८-७५ क- प्रत्येक अस्तिकाय के एक प्रदेश में अन्य अस्तिकायों के प्रदेशों का अस्तित्व
ख- प्रत्येक अस्तिकाय के एक प्रदेश में काल - समयों का अस्तित्व ७६-७७ क- एक अस्तिकाय के स्थान में अन्य अस्तिकायों के प्रदेशों का
अस्तित्व
ख- एक अस्तिकाय के स्थान में काल - समय का अस्तित्व
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