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भगवती-सूची
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ग- गोशालक के सम्बन्ध में भ० महावीर का स्पष्टीकरण
क- गोशालक और आनन्द का मिलन
ख- भगवान को तेजोलेश्या से भष्म करने का गोशालक का दृढ़
निश्चय
ग- वणिक का दृष्टान्त
गोशालक के सामर्थ्य के सम्बन्ध में आनन्द की जिज्ञासा
भ० महावीर का गौतम को गोशालक से विवाद करने का निषेधादेश
क- भगवान के समीप गोशालक का स्वमत दर्शन ख- चौराशी लक्ष्य महाकल्प का प्रमाण
ग- सात दिव्य भवान्तरित सात मनुष्य भव
घ- सात शरीरान्तर प्रवेश
भ० महावीर का गोशालक से आत्मगोपन का निषेध भगवान् के प्रति गोशालक के आक्रोश वचन
क- सर्वानुभूति अनगार का गोशालक को सत्य कथन
ख- गोशालक द्वारा सर्वानुभूति अनगार पर तेजोलेश्या का प्रहार
सुनक्षत्र अणगार पर भी तेजोलेश्या का प्रहार
गोशालक द्वारा भ० महावीर पर तेजोलेश्या का प्रक्षेपण
भ० महावीर का श्रमणों को आदेश
गोशालक और श्रमणों के प्रश्नोत्तर
निरुत्तर गोशालक का क्रोध
गोशालक का हालाहला के यहां जाना तेजोलेश्या का सामर्थ्य
चार प्रकार के पानक
चार प्रकार के अपानक
स्थालपाणी
त्वचापाणी
श०१५ उ०१ प्र० २७
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