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भगवती-सूची
३०८
श०६ उ०५ प्र०८४
५६ चौवीस दण्डकों के जीव प्रत्याख्यान आदि के कर्ता हैं ५७ चौवीस दण्डक के जीवों का प्रत्याख्यान आदि से आयुष्य बंध
पंचम तमस्काय उद्देशक ५८-५९ तमस्काय पानी है
६० तमस्काय का आदि-अन्त ६१ तमस्काय का संस्थान ६२ तमस्काय का विष्कम्भ
६३ तमस्काय की मोटाई ६४-६५ तमस्काय में घर, ग्राम आदि नहीं हैं
६६ तमस्काय में मेघ हैं ६७ तमस्काय के श्रषा देवादि हैं ६८ तमस्काय में गाज-बीज हैं ६६ गाज-बीज देव आदि करते हैं
७० तमस्काय में स्थूल पृथ्वी व अग्नि का निषेध ७१-७२ तभस्काय में चन्द्र-सूर्य और चन्द्र-सूर्य की प्रभा आदि नहीं हैं
७३ तमस्काय का वर्ण परम कृष्ण ७४ तमस्काय के तेरह नाम ७५ तमस्काय का परिणमन ७६ तमस्काय में किन जीवों की उत्पत्ति और अनुत्पत्ति
कृष्ण राजि ७७ आठ कृष्ण राजियाँ ७८ आठ कृष्ण राजियों के स्थान ७६ कृष्ण राजियों का आयाम-विष्कम्भ और परिधि
८० कृष्णराजियों की मोटाई ८१-८२ कृष्णराजियो में धर, ग्राम आदि नहीं है
८३ कृष्णराजियों में मेध हैं ८४ कृष्णराजी की रचना देब करते हैं
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