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श०८ उ०७-८ प्र०२५६
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भगवती-सूची
चौवीस दण्डक में औदारिक शरीर सम्बन्धि अनेक जीवों द्वारा
क्रिया २३३ अनेक जीवों के औदारिक शरीर से होने वाली क्रियायें २३४
चौवीस दण्डक में अनेक जीवों के औदारिक शरीर से होने
वाली क्रियायें २३५ क- वैक्रिय आदि शरीर सम्बन्धि क्रियायें
ख- वैक्रिय आदि शरीरों से होने वाली क्रियायें ग- प्रत्येक शरीर के चार-चार विकल्प
सप्तम अदात्तान उद्देशक २३६ राजगृह. गुणशील चैत्य. भ० महावीर
अन्यतीथिक और स्थविरों का संवाद २३७-२४७ अन्य तीथिक
सभी स्थविर असंयत है क्योंकि वे अदत्त लेते हैं २४८-२४६ स्थविर
क- हम दत्त लेते हैं इसलिये संयत हैं
ख-. किन्तु तुम सब असंयत हो २५०-२५१ अन्य तीर्थिक
सभी स्थविर बाल हैं २५२-२५६ स्थविर
क- हम सभी कार्य विवेक पूर्वक करते हैं, इसलिये बाल नहीं हैं
तुम सब बाल हों
ख- स्थविरों द्वारा “गति प्रपात" अध्ययन की रचना २५७ पांच प्रकार का गति प्रपात
अष्टम प्रत्यनीक उद्देशक २५८ तीन प्रकार के गुरु प्रत्यनीक
तीन प्रकार के गति प्रत्यनीक
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