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श०१२ उ०५ प्र०५८
और उनकी स्थापना अनन्तानन्त पुद्गल परिवर्त
२५
२६
सात प्रकार का पुद्गल परिवर्त
२७
चौवीस दण्डक में पुद्गल परिवर्त
२८ - ३६ चोवीस दण्डक में औदारिक पुद्गल परिवर्त
४०
चौवीस दण्डक में वैक्रिय पुद्गल परिवर्त यावत्-आन-प्राण पुद्गल परिवर्त
औदारिक पुद्गल परिवर्त की व्याख्या यावत्-आन-प्राण पुद्गल परिवर्त की व्याख्या
४१ औदारिक पुद्गल परिवर्त का निष्पत्ति काल यावत्-आन-प्राण पुद्गल परिवर्त का निष्पत्ति काल
४२ औदारिक पुद्गल परिवर्त काल का अल्प - बहुत्व
४३ पुद्गल परिवर्तों का अल्प-बहुत्व
३४६
५०
५१
५२
५३
५४
पंचम अतिपात उद्देशक
४४-४६ प्राणातिपात यावत् - मिथ्यादर्शनशल्य में वर्णादि बीस है प्राणातिपात विरमण - यावत् - मिथ्यादर्शनशल्य त्याग वर्णादि नहीं हैं चार प्रकार की मति में वर्णादि नहीं है
भगवती-सूची
अवग्रहादि चार में वर्णादि नहीं है उत्थानादि पांच में वर्णादि नहीं है।
सप्तम अवकाशान्तरों में वर्णादि नहीं है
आठ पृथ्वियों में और घनवात-तनुवातों में वर्णादि हैं चौविस दण्डक में वर्णादि हैं।
५८ क- द्रव्य लेश्या में वर्णादि है
५५
५६
५७ क - धर्मास्तिकाय - यावत् - जीवास्तिकाय में वर्णादि नहीं है
ख- पुद्गलास्तिकाय में वर्णादि हैं
ग- ज्ञानावरणीय यावत् - अन्तराय में वर्णादि हैं
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