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भगवती-सूची
३२२ श०८ उ०३ प्र० १६६ १६०-१६१ साकारोपयुक्त में ज्ञानी-अज्ञानी १६२-१६३ अनाकारोपयुक्त में ज्ञानी-अज्ञानी १६४ योग वर्गणा में ज्ञानी-अज्ञानी १६५-१६६ लेश्या वर्गणा में ज्ञानी-अज्ञानी १६७-१६८ कषाय वर्गणा में ज्ञानी-अज्ञानी १६६ वेद वर्गणा में ज्ञानी-अज्ञानी १७०-१७१ आहारक वर्गणा में ज्ञानी-अज्ञानी १७२-१७६ पांच ज्ञान का विषय १७७-१७६ तीन अज्ञान का विषय १८० ज्ञानी की स्थिति १८१ पांच ज्ञान की स्थिति १८२-१८४ पांच ज्ञान तीन अज्ञान के पर्यव
पांच ज्ञान के पर्यवों का अल्प-बहुत्व
तीन अज्ञान के पर्यवों का अल्प-बहुत्व १८७ पांच ज्ञान-तीन अज्ञान के पर्यवों का अल्प-बहुत्व
ततीय वक्ष उद्देशक १८८ तीन प्रकार के वृक्ष १८६ संख्येय जीव वाले वृक्ष अनेक प्रकार के १६० असंख्येय जीव वाले वृक्ष दो प्रकार के
एक बीजवाले वृक्ष अनेक प्रकार के ख- अनेक बीजवाले वृक्ष अनेक प्रकार के १६२ अनंत जीववाले वृक्ष अनेक प्रकार के .
जीवके प्रदेश १६३ देह का सूक्ष्मतर खण्ड भी जीव प्रदेश से व्याप्त है
जीव प्रदेशों को शस्त्र से पीड़ा नहीं होती पृथ्वी
आठ पृथ्वियां १६६ आठ पृथ्वियों का चरम, अचरम विचार
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८८
१६४
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