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(छ) धारिणी
राजगृह नरेश महाराज श्रेणिक की रानी और मेघकुमार की माता । -ज्ञाताधर्मकथांग सूत्र (ज) धारिणी
जंबूस्वामी की माता। (दखिए-जंबूस्वामी) (झ) धारिणी ___ महाराज अन्धकवृष्णि की रानी।
-अन्तगड, प्रथम वर्ग. (ज) धारिणी
__महाराज बलदेव की अर्धांगिनी और सुमुख, दुर्मुख, कूपदारक आदि अन्तकृत् सूत्र वर्णित कुमारों की माता।
-अन्तगड सूत्र, वर्ग धृतराष्ट्र
हस्तिनापुर के राजा विचित्रवीर्य की रानी अंबिका से उत्पन्न पुत्र। धृतराष्ट्र जन्म से ही नेत्रहीन था। ज्येष्ठ पुत्र होने के कारण धृतराष्ट्र हस्तिनापुर के शासन का उत्तराधिकारी था। पर तत्कालीन राज्य नीति के अनुसार अंगहीन राजपद के अयोग्य माना जाता था। साथ ही धृतराष्ट्र का अपने अनुज पाण्डु पर अनन्य अनुराग भी था। उसने स्वयं राजपद अस्वीकार कर दिया और उसके लिए पाण्डु का नाम प्रस्तावित किया।
धृतराष्ट्र का विवाह गांधार देश की आठ राजकुमारियों के साथ हुआ, जिनमें गांधारी प्रमुख थी। गांधारकुमार शकुनि भी उसी अवसर पर हस्तिनापुर आया और अपनी बहिनों के साथ ही स्थायी रूप से वहां रहने लगा। ___ कालक्रम से धृतराष्ट्र सौ पुत्रों का पिता बना, जिनमें दुर्योधन ज्येष्ठ था। दुर्योधन बाल्यकाल से ही हठी और ईष्यालु स्वभाव का था। पर उसके माता-पिता का उस पर सघन अनुराग था। उसी अनुराग का फल यह हुआ कि दुराचरण में दुर्योधन आगे से आगे बढ़ता गया। धृतराष्ट्र पुत्रप्रेम में अन्धा हो गया। पुत्र के न्याय-अन्याय में उसने उसका साथ दिया, जिसके परिणाम में महाभारत जैसे भयानक युद्ध का जन्म हुआ।
कुछ वर्षों तक धृतराष्ट्र राजा भी बना। महाभारत के युद्ध का दुखद परिणाम धृतराष्ट्र ने भोगा। निष्कर्षतः धृतराष्ट्र आजीवन आर्त और रौद्र ध्यान से ही घिरा रहा।
-जैन महाभारत धृतिधर गाथापति
काकंदी निवासी एक धनी गाथापति, जिसने भगवान महावीर से दीक्षा लेकर सिद्धत्व प्राप्त किया था।
-अन्तगड सूत्र वर्ग 6, अध्ययन 6
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