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[गोम्पसार जीवका सम्बन्धी प्रकरण
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बहुरि बीसवां उपयोग अधिकार विर्ष - उपयोग के लक्षण का, साकारअनाकार भेदनि का, उपयोग है सो व्याप्ति, अव्याप्ति, असंभवी दोष रहित जीव का लक्षण है ताका, अर केवलज्ञान-केवलदर्शन बिना साकार-अनाकार उपयोगनि का काल अंतर्मुहुर्त मात्र है, ताका वर्णन है । बहुरि इहां जीवनि की संख्या साकारोपयोग विषं ज्ञानमार्गणावत् अर अनाकारोपयोग विर्षे दर्शनमार्गणावत् है ताका वर्णन है।
बहुरि इक्कीसवां प्रोधादेशयो प्ररूपणा प्ररूपरस अधिकार विर्ष - गति आदि मार्गणानि के भेदनि विर्षे यथासंभव गुणस्थान पर जीवसमासनि का वर्णन है । तहाँ द्वितीयोपशम सम्यक्त्व विषै पर्याप्त-अपयप्ति अपेक्षा गुणस्थाननि का विशेष कह्या है । बहुरि गुणस्थाननि विर्षे संभवते जे जीवसमास, पर्याप्ति, प्राण, संज्ञा, चौदह मार्गणानि के भेद, उपयोग, तिनका वर्णन है। तहां मार्गणा या उपयोग के स्वरूप का भी किछ वर्णन है । तहां योग भव्यमार्गरणानि के भेदनि का, वा सम्यक्त्वमार्गणा विष प्रथम द्वितीयोपशम सम्यक्त्व का इत्यादि विशेष-सा वर्णन है । अर गति आदि केई मार्गणानि क्र्षेि पर्याप्त, अपर्याप्त अपेक्षा कथन है ।
बहुरि बावीसवां पालाप अधिकार विष - मंगलाचरण करि सामान्य, पर्याप्त, अपर्याप्त फरि तीन पालाप, अर अनिवृत्तिकरण विषं पंच भागनि की अपेक्षा पंच . पालाप, तिनका मुरगस्थाननि विर्षे वा गुणस्थान अपेक्षा चौदह मार्गा के भेदनि विर्षे यथासंभव कथन है । तहां गतिमार्गणा विर्षे किछू विशेष-सा कथन है । बहुरि गुणस्थान मार्गरणास्थाननि विर्षे गुणस्थानादि बीस प्ररूपणा यथासंभव आलापनि की अपेक्षा निरूपण करनी । लहां पर्याप्त, अपर्याप्त एकेंद्रियादि जीवनी के संभवते पर्याप्ति, प्रारण, जीवसमासादिक का किछ वर्णन करि यथायोग्य सर्व प्ररूपणा जानने का उपदेश है । बहुरि तिनके जानने की यंत्रनि करि कथन है। तहां पहिल यंत्रनि विर्षे जैसे अनुक्रम है, वा समस्या है, वा विशेष है सो कथन है । पीछे एक-एक रचना विर्षे वीस-वीस प्ररूपणा का कथन स्वरूप छह सौ चौदह यंत्रनि की रचना है। तहां केई रचना समान जानि बहुत रचनानि की एक रचना है । बहुरि मनःपर्यय ज्ञानादिक विर्षे एक होते अन्य न होय ताका, उपशम श्रेणी से उतरि मरणा भए उपजने का, सिद्धनि विर्षे संभवती प्ररूपणानि का निक्षेपादिक करि प्ररूपणा जानने के उपदेश का वर्णन है । बहुरि पाशीर्वाद है । बहुरि टीकाकार के वचन हैं।
ऐसें जीवकाण्ड नामा महा अधिकार के बावीस अधिकारनि घिर्ष कम तें व्याख्यान की सूचनिका जाननी।